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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (24 May)

  • 24 May 2019
  • 7 min read
  • देश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-AI) के लिये एक अवसंरचना तैयार करने की नीति आयोग ने योजना बनाई है। इसने AIRAWAT के नाम से क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाने के लिये 7500 करोड़ रुपए की फंडिंग उपलब्ध कराने की ज़रूरत बताई है। साथ ही इसमें AI की प्रगति की निगरानी के लिये एक कार्यबल बनाना भी शामिल है। नीति आयोग चाहता है कि AI के लिये एक इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क और पारदर्शी नीति बनाई जाए। नीति आयोग द्वारा सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में 5 सेंटर ऑफ रिसर्च एक्सीलेंस (CORE), 20 इंटरनेशनल सेंटर फॉर ट्रांसफॉर्मेशनल AI (ICTAI) शुरू करने के साथ ही AIRAWAT के नाम से एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म बनाना शामिल है। इंस्टीट्यूट्स और पार्टनर्स का चयन दिशा-निर्देशों के आधार पर किया जाएगा, जिन्हें तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। AI से जुड़ी इस पूरी योजना की निगरानी एक कार्यबल करेगा, जिसके प्रमुख नीति आयोग के एक सदस्य होंगे। ज्ञातव्य है कि सरकार का मानना है कि टेक्नोलॉजी से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में बड़ी चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी। एक अनुमान के अनुसार, AI से वर्ष 2035 तक देश की GDP में 957 अरब डॉलर का प्रवाह हो सकता हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में भारत में मज़बूत घरेलू खपत और निवेश से आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2019 में 7.0 प्रतिशत तथा वर्ष 2020 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही। वर्ष 2019 मध्य की संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति तथा संभावना (WESP) रिपोर्ट में व्यक्त अनुमान इस वर्ष जनवरी में जारी अनुमान से कम है। उस समय वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 7.6 तथा 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी। उल्लेखनीय है कि रिज़र्व बैंक ने भी मानसून पर अल-नीनो के प्रभाव तथा वैश्विक चुनौतियों के कारण चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 7.2 प्रतिशत कर दिया, जबकि पहले इसके 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी। रिपोर्ट में भारत सहित दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि में अवसंरचनात्मक बाधाओं को प्रमुख चुनौती बताया गया है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत अनिश्चितता तथा कंपनियों का कमज़ोर आत्मविश्वास, वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिये चुनौती है।
  • वर्ष 2018-19 में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) वार्ता में शामिल 16 सदस्य देशों में 11 के साथ भारत की व्यापार स्थिति घाटे की रही। इनमें ब्रुनेई, जापान, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, न्यूज़ीलैंड, थाईलैंड और सिंगापुर प्रमुख हैं। दूसरी तरफ, कंबोडिया, म्यांमार तथा फिलीपींस के साथ भारत की व्यापार अधिशेष (Surplus) की स्थिति रही। भारत ने पिछले वित्त वर्ष में लाओस के साथ व्यापार नहीं किया। गौरतलब है कि RCEP वार्ता नवंबर 2012 में कम्बोडिया के नोम पेन्ह में शुरू हुई थी। भारत का आसियान, जापान तथा दक्षिण कोरिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता है। RCEP वार्ता समूह में आसियान समूह के 10 देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्याँमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस, लाओस तथा वियतनाम) तथा उसके छह FTA भागीदार- भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड शामिल हैं।
  • दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा सरदार पटेल की स्टैचू ऑफ यूनिटी को वर्ल्ड आर्किटेक्चर न्यूज़ अवार्ड्स 2019 के लिये नामित किया गया है। यह पुरस्कार वास्तुकला के लिये दिया जाना वाला दुनिया का अग्रणी पुरस्कार है और सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइनों के लिये दिया जाता है। ज्ञातव्य है कि गुजरात के नर्मदा ज़िले में स्थित सरदार सरोवर के निकट केवाड़िया गाँव में स्थापित 182 मीटर ऊँची यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊँची है। यह प्रतिमा तेज़ हवाओं का भी सामना कर सकती है तथा रिक्टर पैमाने पर 6.8 की तीव्रता वाले भूकंप को भी झेल सकती है।
  • पाकिस्तान ने मोइन-उल-हक को भारत में अपना नया उच्चायुक्त नियुक्त किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत, चीन और जापान सहित लगभग दो दर्जन देशों में नए उच्चायुक्तों तथा राजदूतों की नियुक्ति को मंज़ूरी दी। मोइन-उल-हक फिलहाल फ्राँस में पाकिस्तान के राजदूत हैं। ज्ञातव्य है कि पाकिस्तान के नए विदेश सचिव के रूप में सोहेल महमूद की नियुक्ति के बाद से ही भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त का पद रिक्त था।
  • वर्ष 1974 में दूरदर्शन के लिये एक चिड़िया, अनेक चिड़ियाँ...जैसा कालजयी गीत तैयार करने वाली डॉक्यूमेंटरी फिल्म निर्माता विजया मुले का दिल्ली में 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 7 मिनट की इस डॉक्यूमेंटरी फिल्म के कारण ही विजया मुले को अपार प्रसिद्धि मिली। उन्हें बेस्ट सिनेमा राइटिंग के लिये नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। विजया मुले पटना फिल्म सोसायटी की फाउंडर मेंबर भी रहीं। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 1959 में दिल्ली फिल्म सोसाइटी की स्थापना में भी अहम योगदान दिया और बाद में फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी की संयुक्त सचिव भी बनी।
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