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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (29 June)

  • 29 Jun 2019
  • 8 min read
  • रिज़र्व बैंक ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि देश के भुगतान से जुड़ा सभी डेटा केवल भारत में ही रखना होगा और भुगतान की प्रक्रिया में विदेशों में सृजित होने वाले भारतीयों के भुगतान से संबंधित डेटा को भी 24 घंटे के भीतर भारत वापस लाना होगा। ज्ञातव्य है कि RBI ने भुगतान प्रणाली डेटा रखे जाने को लेकर अप्रैल 2018 में निर्देश जारी किया था। उसमें केंद्रीय बैंक ने सभी भुगतान प्रणाली परिचालकों (PSO) को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे छह महीने के भीतर भुगतान प्रणाली से जुड़े सभी डेटा केवल भारत में स्थित प्रणालियों में ही रखे जाएँ। PSO यदि चाहता है तो भारत के बाहर भुगतान सौदे को लेकर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन यदि भुगतान की प्रक्रिया विदेश में होती है तो वहाँ उससे संबंधित डेटा को हटा दिया जाए और उसे भुगतान प्रक्रिया पूरी होने के एक कारोबारी दिवस या 24 घंटे के भीतर, जो भी पहले हो, भारत वापस लाया जाए। RBI ने यह स्पष्टीकरण PSO की तरफ से क्रियान्वयन से जुड़े मुद्दों पर बार-बार उठने सवालों के संदर्भ में दिया।
  • दूरसंचार मंत्रालय ने मार्च 2020 तक देश की सभी पंचायतों को भारतनेट परियोजना के तहत हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। इस परियोजना का दूसरा चरण लागू किया जा रहा है और मार्च 2020 तक कुल दो लाख ग्राम पंचायतों को इससे जोड़ा जाना है। भारतनेट परियोजना के पहले चरण के तहत एक लाख ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड सेवा से जोड़ा गया है। आपको बता दें कि 19 जुलाई, 2017 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतनेट को लागू करने के लिये एक संशोधित रणनीति को मंज़ूरी दी, जिसके तहत देश में शेष लगभग डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को परियोजना के दूसरे चरण में ब्रॉडबैंड संपर्क प्रदान किया जाना है। सरकार ने पहले मार्च, 2019 तक सभी पंचायतों में ऑप्टिकल आधारित उच्च गति ब्रॉडबैंड नेटवर्क शुरू करने का लक्ष्य रखा था। ग्राम पंचायतों तक यह सुविधा पहुँचाने के लिये केवल भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल का उपयोग किया गया है। नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का नया नाम भारतनेट परियोजना है जिसे सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये अक्तूबर, 2011 में लॉन्च किया गया था। वर्ष 2015 में इसका नाम बदलकर भारतनेट रखा गया था।
  • ग्लोबल वार्मिंग का असर अब गंगा नदी के प्रवाह पर भी पड़ने लगा है। इसके चलते सर्दियों की तुलना में गर्मियों में नदी के प्रवाह में प्रति सेकेंड आधे मीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के एक अध्ययन के अनुसार, गंगा के पानी का तापमान बढ़ा है तथा गर्मियों में जब तापमान अधिक रहता है तो प्रवाह तेज़ होता है और सर्दियों में तापमान घटने के साथ ही प्रवाह भी कम हो जाता है। पानी के तापमान में बढ़ोतरी को जल-जीवों एवं नदी के जैविक स्वास्थ्य के लिये भी खतरा माना गया है। CPCB की बायोलॉजिकल हेल्थ ऑफ रिवर गंगा नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत तापमान में लगभग एक डिग्री तक की बढ़ोतरी से ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार बढ़ी है। चूंकि गंगा ग्लेशियरों से ही निकलती है, इसलिये इस पर भी इसका असर स्पष्ट दिखाई देता है। वैज्ञानिकों ने इसके लिये रुद्रप्रयाग से लेकर फरक्का तक 86 स्थानों पर गंगा के तापमान और पानी के प्रवाह के आँकड़े एकत्र किये थे, जिनके आधार पर यह निष्कर्ष निकला गया है।
  • वैश्विक कार्रवाई को मज़बूत करने और मादक पदार्थों के दुरुपयोग से मुक्त अंतर्राष्ट्रीय समाज के लक्ष्य की प्राप्ति में सहयोग करने के लिये प्रतिवर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मादक पदार्थों के दुरुपयोग के साथ-साथ मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ संघर्ष के लिये जागरूकता बढ़ाना है। अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1987 में मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (UNODC) प्रतिवर्ष विश्व ड्रग रिपोर्ट जारी करता है। इस वर्ष 17वें अंतर्राष्‍ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्‍करी निरोध दिवस की थीम न्याय के लिये स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिये न्याय रखी गई है। भारत में अंतर्राष्‍ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्‍करी निरोध दिवस पर पिछले 16 वर्षों से एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मादक पदार्थ निरोध दौड़ का सफल आयोजन किया जाता रहा है।
  • 28 जून को 19वीं सदी की शुरुआत में पंजाब में करीब 40 वर्ष तक शासन करने वाले महाराजा रणजीत सिंह की 180वीं पुण्‍यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर पाकिस्‍तान के लाहौर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। महाराजा रणजीत सिंह की यह मूर्ति लाहौर किले में माई जिंदियाँ हवेली के बाहर लगाई गई है। इसी जगह पर महाराजा रणजीत सिंह की समाधि और गुरु अर्जुन देव द्वारा स्थापित गुरुद्वारा डेरा साहिब का भवन है। रणजीत सिंह की सबसे छोटी रानी के नाम पर स्थित हवेली में अब सिख कलाकृतियों की एक स्थायी प्रदर्शनी है और इसे सिख गैलरी कहा जाता है। प्रतिमा में महाराजा रणजीत सिंह को घोड़े पर बैठा हुआ दर्शाया गया है। यह प्रतिमा वॉल्ड सिटी ऑफ लाहौर अथॉरिटी ने ब्रिटेन स्थित सिख हेरिटेज फाउंडेशन के सहयोग से तैयार की है। प्रबल योद्धा के रूप में प्रसिद्ध महाराजा रणजीत सिंह को शासन प्रणाली में सुधार करने के लिए जाना जाता है तथा काबुल से लेकर दिल्‍ली तक उनका शासन था।
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