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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (03 जुलाई)

  • 03 Jul 2019
  • 7 min read
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के बाद महिला सशक्तीकरण को लेकर मसौदा नीति तैयार की है। इसमें खाद्य सुरक्षा, पोषण, शिक्षा, अर्थव्यवस्था (कृषि उद्योग, श्रम, रोज़गार, NRI महिलाओं, सेवा क्षेत्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित), महिलाओं के खिलाफ हिंसा, शासन और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है। इस नीति का उद्देश्य आवास, आश्रय और बुनियादी ढाँचे, पेयजल एवं स्वच्छता, मीडिया व संस्कृति, खेल और सामाजिक सुरक्षा के माध्यम से महिलाओं के लिये सकारात्मक वातावरण बनाना है। इसका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाकर ऐसे समाज का निर्माण करना है, जिसमें महिलाएँ अपनी पूरी क्षमता प्राप्त कर उसका इस्तेमाल कर सकें तथा जीवन के सभी क्षेत्रों में समान भागीदारी के साथ हिस्सा ले सकें। इस नीति में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिये पर्यावरण के अनुकूल, नवीकरणीय, गैर-पारंपरिक ऊर्जा, हरित ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के प्रावधान भी किये गए हैं।
  • राजस्थान में बीकानेर ज़िले के कालू पुलिस थाने को केंद्रीय गृह मंत्रालय की रैंकिंग में पहला स्थान मिला है। दूसरे स्थान पर अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के निकोबार ज़िले में स्थित कैम्पबेल पुलिस थाना तथा तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले का फरक्का पुलिस थाना है। देश के सभी पुलिस थानों को लेकर वर्ष 2018 की इस रैंकिंग में 15,666 पुलिस स्टेशनों को विभिन्न मापदंडों पर परखा गया था। इनमें अपराध नियंत्रण सहित मामलों की जाँच और उनके निपटान, अपराध का पता लगाने, सामुदायिक पुलिसिंग और कानून व्यवस्था बनाए रखने जैसे मापदंड शामिल थे। इसके अलावा थाना कार्यालयों में रिकॉर्ड का रखरखाव, साफ-सफाई, ऑनलाइन FIR, ऑनलाइन GRS, शिकायतों का निस्तारण, जन शिकायतों का निस्तारण तथा पुलिसकर्मियों का जनता के प्रति व्यवहार सहित अन्य बिंदुओं पर भी विचार किया गया।
  • UK में टाटा समूह की रसायन बनाने वाली इकाई औद्योगिक स्तर पर देश की पहली कार्बन कैप्चर परियोजना बनाने पर काम कर रही है। नॉर्थविच, इंग्लैंड में 16.7 मिलियन पाउंड (21 मिलियन डॉलर) लागत वाली यह परियोजना वर्ष 2021 में काम करना शुरू कर सकती है। यह जीवाश्म ईंधन के दहन से बनने वाली CO2 को वातावरण से सोखकर इसे सोडियम बाइकार्बोनेट में बदल देगी, जो खाद्य और फार्मास्यूटिकल्स उद्योगों में इस्तेमाल होने वाला एक घटक है। इस प्रौद्योगिकी की लागत अधिक आने की वज़ह से अब तक कार्बन कैप्चरिंग और इसकी स्टोरेज को लेकर कोई विशेष प्रयास नहीं हुए क्योंकि इसके लिये कोई स्पष्ट बिज़नेस मॉडल नहीं है। यह परियोजना इस मायने में अलग होगी क्योंकि इसमें CO2 को भूमिगत स्टोर करने के बजाय अन्य घटक में परिवर्तित कर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। यह संयंत्र प्राकृतिक गैस से संचालित उस संयुक्त ताप और बिजली संयंत्र से निकलने वाली गैसों से CO2 को लेगा, जो टाटा समूह की रसायन बनाने वाली इकाई तथा क्षेत्र के अन्य व्यवसायों को भाप और बिजली की आपूर्ति करती है। यह कार्बन कैप्चर और उपयोग संयंत्र प्रतिवर्ष 40 हज़ार टन CO2 कैप्चर करेगा, जिससे टाटा समूह की रासायनिक इकाई का उत्सर्जन 11% तक कम हो जाएगा। ज्ञातव्य है कि UK सरकार ने वर्ष 2050 तक अपने शुद्ध उत्सर्जन को शून्य तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
  • लेखक अमीश त्रिपाठी को लंदन स्थित नेहरू सेंटर का निदेशक नियुक्त किया गया है। यह केंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के तहत आता है। ‘सीक्रेट ऑफ द नागा’ और ‘सीता- वॉरियर ऑफ मिथिला’ जैसी पुस्तकों के लेखक अमीश त्रिपाठी, श्रीनिवास गोत्रु की जगह लेंगे, जिनका चार साल का कार्यकाल इस वर्ष की शुरुआत में समाप्त हो गया था। अमीश त्रिपाठी ने इस पद के लिये आवेदन किया था तथा एक चयन समिति ने उनका साक्षात्कार लिया और उसके बाद उन्हें नियुक्त किया गया। लंदन में नेहरू सेंटर की स्थापना वर्ष 1992 में की गई थी।
  • भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की परिषद में भारत के प्रतिनिधि के रूप में शेफाली जुनेजा को तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया है। वह वर्तमान में नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वह आलोक शेखर का स्थान लेंगी, जिन्हें अक्तूबर 2015 में इस पद के लिये नामित किया गया था। ICAO में 36 देशों का प्रतिनिधित्व है और इसका गठन 1944 में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन पर शिकागो कन्वेंशन के तहत किया गया था। इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है।
  • भारत माता मंदिर, हरिद्वार के संस्थापक और निवर्तमान शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का 25 जून को 87 वर्ष की आयु में राघव कुटीर, हरिद्वार में निधन हो गया। उन्हें आश्रम परिसर में ही भू-समाधि दी गई। स्वामी सत्यमित्रानंद को 29 अप्रैल, 1960 को मात्र 26 वर्ष की आयु में भानपुरा पीठ का शंकराचार्य बना दिया गया था, लेकिन करीब 9 साल तक धर्म और मानव सेवा करने के बाद उन्होंने वर्ष 1969 में स्वयं शंकराचार्य का पद त्याग दिया था। उन्होंने हरिद्वार में भारत माता मंदिर की स्थापना की थी तथा उन्हें वर्ष 2015 में पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
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