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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 13 दिसंबर, 2018

  • 13 Dec 2018
  • 5 min read

अंडमान सी क्रेट्स (Andaman Sea Kraits)

andaman sea kraits

उभयचर साँपों की दो प्रजातियों पीले होंठो वाले (Yellow lipped) तथा नीले होंठों वाले (Blue lipped) अंडमान सी क्रेट्स (Andaman Sea Kraits) को अंडमान के समुद्री तटों पर पाए जाने वाले वृक्षों (विशेष रूप से उखड़े हुए खिरनी (Manilkara littoralis ), एक मैंग्रोव पेड़) की जड़ों पर देखा गया है।

  • अंडमान सी क्रेट्स रंगीन समुद्री साँप हैं जो अंडमान द्वीप के लिये स्थानिक हैं।
  • अंडमान सी क्रेट्स जो अधिकांशतः रात्रिचर होते हैं, मूंगा चट्टानों (Coral Reefs) में अपने शिकार की तलाश करते हैं। यद्यपि वे पानी में बहुत अधिक समय बिताते हैं लेकिन भोजन को पचाने, अंडे देने और अपने शरीर के ऊपर की मृत त्वचा को उतारने के लिये ज़मीन पर वापस आते हैं।
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये समुद्र तट को साफ करने हेतु उखड़े हुए पेड़ों को हटाने से समुद्री क्रेट्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
  • रेतीले समुद्र तटों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने, रेत खनन और पर्यटन जैसी गतिविधियों पर विनियमन को लागू करने से उपेक्षा का शिकार हुए अंडमान सी क्रेट्स को बचाने में मदद मिल सकती है।

‘आयुषाचार्य’ सम्मेलन ('Ayushacharya' Conference)


अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (All India Institute of Ayurveda-AIIA) ने 10 और 11 दिसंबर, 2018 को नई दिल्ली में जनस्वास्थ्य प्रोत्साहन के लिये दिनचर्या (Daily Regimen) और ऋतुचर्या (Seasonal Regimen) पर ‘आयुषाचार्य’ सम्मेलन आयोजित किया। पूरे देश से लगभग 200 शिक्षाविदों, चिकित्सकों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया।


AIIA

AIIA

      • अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संस्थान है जिसकी परिकल्पना आयुर्वेद के क्षेत्र में एक शीर्ष संस्थान के रूप में की गई है।
      • इसका उद्देश्य आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक औजारों एवं प्रौद्योगिकी के बीच सामंजस्य स्थापित करना है।


बायोब्लिट्ज़ (BioBlitz)

      • हाल ही में बंगलूरू के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज़ द्वारा आयोजित बायोब्लिट्ज़ में पूरे भारत से लोगों ने भाग लिया।
      • प्रतिभागियों ने अपने आस-पास के परिसरों में वृक्षों का अवलोकन किया तथा वृक्षों की प्रजातियों, इनका स्थान, फूलों का अनुपात, फल और पत्तियों की पूरी जानकारी एकत्रित की।
      • यह कुछ वर्षों में पूरे भारत में वृक्षों के अध्‍ययन (जलवायु संबंधी प्रभावों की दृष्टि से) के लिये आधार तैयार करेगा जो वैज्ञानिकों को यह विश्लेषण करने में मदद करेगा कि जलवायु परिवर्तन भविष्य में वृक्षों में बदलाव ला रहा है या नहीं।

क्या है बायोब्लिट्ज़ (BioBlitz)?

    • बायोब्लिट्ज़ एक ऐसी घटना है जो छोटी अवधि के दौरान किसी विशिष्ट क्षेत्र में जितनी संभव हो उतनी प्रजातियों को खोजने और पहचानने पर केंद्रित होती है।
    • इसे जैविक सूची या जैविक जनगणना के रूप में भी जाना जाता है जिसका प्राथमिक लक्ष्य पौधों, जानवरों, कवक और किसी स्थान पर पाए जाने वाले अन्य जीवों की समग्र गणना प्राप्त करना है।
    • यह कई मायनों में किसी वैज्ञानिक सूची से अलग होती है। वैज्ञानिक सूची आमतौर पर जीवविज्ञानी, भूगोलवेत्ता और अन्य वैज्ञानिकों तक ही सीमित होती है, जबकि बायोब्लिट्ज़ स्वयंसेवी वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम परिवारों, छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के अन्य सदस्यों को एक साथ लाता है।
    • उक्त अंतर बायोब्लिट्ज़ को एक अद्वितीय जैविक सर्वेक्षण बनाते हैं जो किसी प्रदत्त क्षेत्र की प्रकृति और इंसानों के बीच संबंधों को प्रोत्साहित करती है। इसका उद्देश्य जैव विविधता को बेहतर ढंग से समझने और संरक्षित करने हेतु नागरिकों को सशक्त बनाकर स्थानीय प्राकृतिक स्थलों को बढ़ावा देना और उनमें सुधार लाना है।
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