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शासन व्यवस्था

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 30 मई, 2018

  • 30 May 2018
  • 8 min read

बिजली भुगतानों में पारदर्शिता लाने हेतु एप तथा वेब पोर्टल

विद्युत राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर,के. सिंह ने वेब पोर्टल तथा ‘प्राप्ति’ नामक एप (PRAAPTI - Payment Ratification And Analysis in Power procurement for bringing Transparency in Invoicing of generators) लॉन्च की।

  • ‘प्राप्ति’ एप तथा वेब पोर्टल बिजली खरीद में बिजली उत्पादकों और बिजली वितरण कंपनियों के बीच पारदर्शिता लाने के लिये विकसित किया गया है।
  • यह एप और वेब पोर्टल बिजली उत्पादकों से विभिन्न दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों के लिये चालान और भुगतान डाटा कैप्चर करेंगे।
  • इससे हितधारकों को बिजली खरीद के मामले में वितरण कंपनियों की बकाया राशि का मासिक और पारंपरिक आँकड़ा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • यह एप यूजरों को बिजली वितरण कंपनियों द्वारा बिजली उत्पादक कंपनी को किये गए भुगतानों से संबंधित ब्योरा जानने की इज़ाज़त देता है। इससे यह जानकारी भी मिल जाएगी कि भुगतान कब-कब किये गए।
  • ‘प्राप्ति’ से उपभोक्ताओं को भी सहायता मिलेगी। उपभोक्ता बिजली उत्पादक कंपनियों को किये गए भुगतान के संदर्भ में बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय कार्य-प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकेंगे।
  • पोर्टल बकाया भुगतानों के बारे में बिजली वितरण कंपनियों और उत्पादक कंपनियों के बीच सुलह कराने में भी मददगार साबित होगा।
  • पोर्टल विभिन्न बिजली उत्पादक कंपनियों को भुगतान सहजता के बारे में विभिन्न राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों के तुलनात्मक मूल्यांकन में मदद देगा।

संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस, 2018

29 मई, 2018 को दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विश्व भर में विभिन्न आयोजन किये जाते हैं। इन आयोजनों में शांति एवं सुरक्षा की राह में अग्रसर बहादुर पुरुषों और महिलाओं के कार्य की सराहना करने के साथ-साथ उन्हें सम्मानित किया जाता है।

  • इस अवसर पर उन सभी पुरुषों और महिलाओं को सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रबंधन कार्यों में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया।

थीम

  • संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस, 2018 का विषय ‘संयुक्त राष्ट्र शांतिकर्मी: 70 साल की सेवा एवं बलिदान’ है।

उद्देश्य

  • शांति स्थापना हेतु शहीद हुए सैनिकों को याद करना एवं उन्हें सम्मानित करना।
  • सभी पुरुष एवं महिला शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि देना तथा उनके कार्यो, हौसले और समर्पण को सम्मानित करना।

पृष्ठभूमि

  • इसकी स्थापना के संबंध में यूक्रेनी शांति स्थापना एसोसिएशन एवं यूक्रेन सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र में आग्रह किया गया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर 11 दिसंबर, 2002 को इसे मंज़ूरी प्रदान की गई।
  • वर्ष 2003 में पहली बार इस दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया।
  • इस दिवस के आयोजन के लिये 29 मई को इसलिये चुना गया क्योंकि इसी दिन वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र ट्रूस सुपरविज़न आर्गेनाईज़ेशन (यूएनटीएसओ) का गठन किया गया था।
  • इस संगठन को अरब-इज़राइल युद्ध में शांति वार्ता की निगरानी करने के लिये नियुक्त किया गया था।

आरबीआई की पहली सीएफओ : सुधा बालाकृष्णन

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सुधा बालकृष्णन को पहली मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के तौर पर नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 3 साल का होगा। उर्जित पटेल के आरबीआई गवर्नर बनने के बाद केंद्रीय बैंक में यह सबसे बड़ा संगठनात्मक परिवर्तन है। 

मुख्य वित्तीय अधिकारी का कार्य 

  • सीएफओ, जो कि कार्यकारी निदेशक रैंक का अधिकारी होगा, केंद्रीय बैंक की सटीक वित्तीय सूचनाएँ समय से पेश करने, लेखांकन नीतियों  एवं प्रक्रियाओं को बनाने और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये ज़िम्मेदार होगा।
  • इस अधिकारी पर भारतीय रिज़र्व बैंक  के प्रत्याशित एवं वास्तविक वित्तीय प्रदर्शन की जानकारी देने और उसकी बजट प्रक्रिया पर नज़र रखने का दायित्व होगा।
  • वह बैंक की लेखांकन नीति बनाएगा, आतंरिक लेखा बनाए रखेगा, वित्तीय परिणाम की रिपोर्ट देगा और पीएफ पॉलिसी जैसे रणनीतिक कामकाज को भी संभालेगा।

विश्व का पहला पानी पर तैरता परमाणु संयत्र

हाल ही में रूस ने विश्व का पहला तैरता हुआ परमाणु ऊर्जा संयंत्र लॉन्च किया। रूस ने मुरमंस्क शहर के एक बंदरगाह से इस संयंत्र को समुद्र में उतारा। परमाणु संयंत्र वाले इस रुसी जहाज़ का नाम ‘एकेडेमिक लोमोनोसोव’ (akademik lomonosov) है।

  • यह एक साल तक समुद्र में यात्रा करेगा। अपनी समुद्री यात्रा के दौरान यह जहाज़ सबसे पहले पूर्वी रूस के शहर पेवेक जाएगा। पूर्वी साइबेरिया जाने से पहले बंदरगाह पर सयंत्र में परमाणु ईंधन भरा जाएगा।

एकेडेमिक लोमोनोसोव (akademik lomonosov) की विशेषताएँ

  • इसका नाम रूस के प्रमुख विद्वान मिखाइल लोमोनोसोव के नाम पर रखा गया है।
  • इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र की लंबाई 144 मीटर, चौड़ाई 30 मीटर और वज़न 21,000 टन है।
  • इसमें 35 मेगावाट के दो न्यूक्लियर रिएक्टर लगे हुए हैं।
  • इस तैरते हुए परमाणु संयंत्र से दूरदराज़ के इलाकों में गैस और तेल उत्खनन प्लेटफार्मों को बिजली मिल सकेगी। इसके साथ-साथ यह प्रतिदिन 2.4 लाख क्यूबिक मीटर पेयजल भी उत्पन्न करेगा।
  • रूसी सरकार का दावा है कि इस परमाणु संयंत्र की सहायता से प्रतिवर्ष 50 हज़ार टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी की जा सकती है।
  • इस रिएक्टर में 69 सदस्य कार्यरत हैं। 

यह रूस की सबसे महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इससे न केवल विद्युत् उत्पादन में सहायता मिलेगी बल्कि आर्कटिक क्षेत्र एवं उत्तरी गोलार्द्ध में मौजूद गैस व तेल के भंडार का संरक्षण भी किया जा सकेगा। इस परियोजना के संबंध में कई पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा चिंता व्यक्त की गई है। कई विशेषज्ञों द्वारा इसे न्यूक्लियर टाइटैनिक का नाम दिया गया है तो कुछ ने इसे तैरते हुए चेर्नोबिल की संज्ञा दी है।

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