इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

पीड़ित मुआवज़ा योजना/कोष में यौन अपराध पीड़ित लड़कों को भी शामिल किया जाए

  • 31 May 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

  • महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखकर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है ताकि पीड़ित मुआवज़ा योजना/कोष में यौन अपराध के शिकार लड़कों को शामिल करने के संबंध में विभाग द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा सकें। इस पत्र में यह अनुरोध भी किया गया है कि अंतरिम मुआवज़ा सहित पीड़ित को मुआवज़ा राशि का भुगतान समय पर किया जाना चाहिये।
  • महिला और बाल विकास मंत्री के अनुसार, पोक्सो अधिनियम लैंगिंक रूप से तटस्थ है। यह केवल बालिकाओं के हितों की ही रक्षा नहीं करता, बल्कि बालकों के हितों की भी रक्षा करता है। 
  • पत्र में निहित किया गया है कि एनसीपीसीआर आँकड़ों के अनुसार 31 राज्य सरकारों ने पोक्सो नियम, 2012 के नियम 7 के अंतर्गत पीड़ित मुआवज़ा योजना को अधिसूचित कर दिया है लेकिन मुआवज़ा के वितरण में एकरूपता नहीं है।
  • कुछ राज्यों में यौन अपराध के शिकार बच्चों को अंतरिम मुआवज़ा नहीं दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी चिकित्सकीय एवं अन्य आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पाती हैं।

पोक्सो नियम 2012 की पृष्ठभूमि
पोक्सो नियम 2012 (नियम 7) में निम्नलिखित प्रावधानों को शामिल किया गया है:

  • विशेष न्यायालय उचित मामलों में स्वयं या बच्चे द्वारा अथवा बच्चे की ओर से प्रस्तुत आवेदन पर अंतरिम मुआवज़े के लिये आदेश जारी कर सकता है ताकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के बाद किसी भी चरण में बच्चे की राहत और पुनर्वास की तात्कालिक आवश्यकताएँ पूरी की जा सकें।
    ♦ बच्चे को दिये जाने वाले ऐसे अंतरिम मुआवज़े का समायोजन, यदि कोई हो, तो अंतिम मुआवज़े में किया जा सकता है।
  • विशेष न्यायालय स्वयं या बच्चे द्वारा अथवा बच्चे की ओर से प्रस्तुत आवेदन पर उन मामलों में मुआवज़े की सिफारिश कर सकता है जहाँ अभियुक्त को सज़ा दी गई है या जहाँ मामला रिहाई या बरी होने के साथ समाप्त हो गया है अथवा अभियुक्त का पता नहीं लग सका है या वह चिन्हित नहीं हुआ है तथा विशेष न्यायालय की राय में अपराध के कारण बच्चे को भारी नुकसान हुआ है।
  • जहाँ विशेष न्यायालय अधिनियम के अनुच्छेद 33 के उप-अधिनियम 8 के अंतर्गत, जो कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अनुच्छेद 357ए के उप-अनुच्छेद (2) तथा (3) के साथ पढ़ा जाता है, पीड़ित को मुआवज़ा देने का निर्देश जारी करता है वहीं न्यायालय पीड़ित को हुए भारी नुकसान से संबंधित सारे प्रासंगिक कारणों को भी ध्यान में रखता है। इन तथ्यों में निम्नलिखित शामिल हैं-
    ♦ दुर्व्यवहार का प्रकार, अपराध की गंभीरता और बच्चे को पहुँचाई गई मानसिक या शारीरिक हानि या बच्चे की पीड़ा की गंभीरता।
    ♦ बच्चे के शारीरिक या मानसिक आघात के इलाज पर किये गए खर्च या होने वाले खर्च।
    ♦ अपराध के परिणामस्वरूप शैक्षिक अवसर का नुकसान: इसमें मानसिक आघात के कारण स्कूल से गैर-हाजिरी, शारीरिक चोट, चिकित्सा उपचार, जाँच, मुकदमे की सुनवाई या अन्य कारण शामिल हैं।
    ♦ अपराधी के साथ बच्चे का संबंध, यदि कोई हो।
    ♦ क्या दुर्व्यवहार की घटना पहली घटना है या काफी समय से दुर्व्यवहार किया जाता रहा है।
    ♦ क्या अपराध के कारण बालिका गर्भवती हो जाती है।
    ♦ क्या अपराध के परिणामस्वरूप बच्चा यौन संक्रमण बीमारी (एसटीडी) का शिकार हो जाता है।
    ♦ क्या बच्चा अपराध के परिणामस्वरूप एचआईवी का शिकार हो जाता है।
    ♦ अपराध के परिणामस्वरूप बच्चे द्वारा सहन की गई कोई भी अक्षमता।
    ♦ जिस बच्चे के साथ अपराध किया गया है उसकी वित्तीय स्थिति ताकि पुनर्वास के लिये उसकी आवश्यकता निर्धारित की जा सके।
    ♦ कोई अन्य कारण जिसे विशेष न्यायालय प्रासंगिक मानता है।
  • विशेष न्यायालय द्वारा जारी आदेश पर मुआवज़े का भुगतान पीड़ित मुआवज़ा कोष से या किसी अन्य योजना या राज्य द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अनुच्छेद 357ए के अंतर्गत पीड़ित को मुआवज़ा देने और पुनर्वास करने के उद्देश्य से स्थापित कोष से या कोई अन्य लागू कानून या जहाँ कोई कोष और योजना अस्तित्व में नहीं है राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
  • राज्य सरकार न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार मुआवज़े का भुगतान ऐसे आदेश की प्राप्ति के 30 दिनों के अंदर करेगी।
  • इन नियमों में कोई भी नियम बच्चा या उसके माता-पिता या अभिभावक या कोई अन्य व्यक्ति जिसमें बच्चे का विश्वास हो उसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के किसी अन्य नियम या योजना के अंतर्गत राहत प्राप्त करने के लिये आवेदन प्रस्तुत करने से नहीं रोक सकता।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow