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डेली न्यूज़

शासन व्यवस्था

पोषण माह

  • 31 Aug 2020
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पोषण माह, भारतीय कृषि फंड, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, फूड फोर्टिफिकेशन

मेन्स के लिये:

भारत में कुपोषण से निपटने हेतु किये गए प्रयास एवं संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2018 के बाद से पोषण अभियान के तहत प्रत्येक वर्ष सितंबर माह को पोषण माह (Poshan Maah) के रूप में मनाया जाता है।

प्रमुख बिंदु:

  • 'भारतीय कृषि फंड' (Agricultural Fund of India) को प्रत्येक ज़िले में पैदा होने वाली फसलों और उनके पोषण मूल्यों से संबंधित पूरी जानकारी रखने के लिये बनाया जा रहा है।
  • पोषण माह-
    • इसमें महीने भर की गतिविधियों को शामिल किया गया है जिसमें प्रसव पूर्व देखभाल, इष्टतम स्तनपान, एनीमिया, विकास की निगरानी, ​​लड़कियों की शिक्षा, आहार, विवाह की सही उम्र, स्वच्छता और साफ-सफाई तथा स्वस्थ भोजन (फूड फोर्टिफिकेशन) आदि शामिल हैं।
    • ये गतिविधियाँ सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार (Social and Behavioural Change Communication- SBCC) पर ध्यान केंद्रित करती हैं तथा  जन आंदोलन दिशा-निर्देशों पर आधारित होती हैं।
      • SBCC ज्ञान, दृष्टिकोण, मानदंड, विश्वास और व्यवहार में परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिये संचार दृष्टिकोण का एक रणनीतिक उपयोग है।
      • जन आंदोलन पोषण अभियान के तहत रणनीतियों में से एक है।
    • माई Gov पोर्टल पर एक खाद्य और पोषण प्रश्नोत्तरी तथा साथ ही मीम प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।
    • इसके अलावा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी- गुजरात (Statue of Unity) में एक विशेष प्रकार का पोषण पार्क भी बनाया गया है, जहाँ मौज मस्ती के साथ पोषण संबंधी जानकारी भी ली जा सकती है।
  • पोषण अभियान: 
    • इसे राष्ट्रीय पोषण मिशन के रूप में भी जाना जाता है, यह बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं हेतु पोषण परिणामों में सुधार करने के लिये भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। पोषण का अर्थ है-'समग्र पोषण के लिये प्रधान मंत्री व्यापक योजना'।
    • शुरुआत-
    • क्रियान्वयन-
      • इसका क्रियान्वयन महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
    • लक्ष्य-
      • इसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक स्टंटिंग, कम वजन और जन्म के वक़्त, शिशु में कम वजन, प्रत्येक में प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की तथा युवा बच्चों, किशोरों और महिलाओं में एनीमिया प्रत्येक में  प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की कमी लाना है।
      • स्टंटिंग को कम करने का न्यूनतम लक्ष्य प्रत्येक वर्ष 2 प्रतिशत है, परंतु यह मिशन इसे 2016 के 38.4 प्रतिशत से वर्ष 2022 तक 25 प्रतिशत तक कम करने का प्रयास करेगा।

स्रोत: पीआइबी

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