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डेली न्यूज़


सामाजिक न्याय

निमोनिया

  • 28 Jul 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये

 निमोनिया और डायरिया प्रगति रिपोर्ट,

मेन्स के लिये 

 निमोनिया के लक्षण और प्रभाव,  निमोनिया से संबंधित पहल 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि शिशु मृत्यु के मामले में 16.9 प्रतिशत का कारण निमोनिया है तथा यह शिशु मृत्यु दर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है (समय से पहले जन्म और कम वज़न के बाद)

प्रमुख बिंदु

परिचय :

  • निमोनिया फेफड़ों का एक तीव्र श्वसन संक्रमण है। यह एक न्यूमोकोकल रोग भी है जो स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया या न्यूमोकोकस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।

कारण: 

  • इसके फैलने का एक कारण नहीं है- यह हवा में बैक्टीरिया, वायरस या कवक से विकसित हो सकता है।

भेद्यता:

  •  जिन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अपरिपक्व (अर्थात् नवजात शिशु) या कमज़ोर होती है, जैसे कि अल्पपोषण, या एचआईवी रोग- निमोनिया के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

विस्तार:

  • निमोनिया संक्रामक है और खाँसने या छींकने से फैल सकता है। यह तरल पदार्थों के माध्यम से भी फैल सकता है, जैसे बच्चे के जन्म के दौरान रक्त, या दूषित स्थानों से।

टीका:

  • भारत ने यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) की तर्ज़ पर ही PCV की  राष्ट्रव्यापी शुरुआत की है।
  • बैक्टीरिया के कारण होने वाले निमोनिया को टीकों से आसानी से रोका जा सकता है। इसे रोकने के लिये प्राथमिक टीके  ‘न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन’ (Pneumococcal Conjugate Vaccine-PCV)  की 3 खुराक दी जाती है।
  • निमोनिया के मुख्य संक्रमण कारणों हेतु एक नया टीका विकसित किया जा रहा है।

रोग भार:

  • वैश्विक स्तर पर: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की कुल मौतों में आधे से अधिक निमोनिया के कारण होती हैं।
  • सालाना, भारत में निमोनिया से होने वाली अनुमानित मौतें 71% हैं  और गंभीर निमोनिया के 57% मामले देखे जाते हैं।

निमोनिया से संबंधित पहल:

  • निमोनिया को सफलतापूर्वक रोकने हेतु सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई (SAANS): इसका उद्देश्य निमोनिया के कारण बाल मृत्यु दर को कम करना है, जो सालाना पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु के मामले में लगभग 15% है।
    • सरकार ने बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों के नियंत्रण हेतु वर्ष 2025 तक प्रति 1000 जीवित बच्चों पर मौतों को 3 से कम करने का लक्ष्य रखा है।
  • वर्ष 2014 में भारत ने डायरिया और निमोनिया से संबंधित पाँच वर्ष से कम उम्र की मौतों की रोकथाम के लिये सहयोगात्मक प्रयास करने हेतु 'निमोनिया और डायरिया की रोकथाम और नियंत्रण संबंधी एकीकृत कार्ययोजना (Integrated Action Plan for Prevention and Control of Pneumonia and Diarrhoea- IAPPD) शुरू की है।
    • WHO और UNICEF ने निमोनिया एवं डायरिया की रोकथाम के लिये एक एकीकृत वैश्विक कार्ययोजना (GAPPD) शुरू की थी।

स्रोत: पी.आई.बी.

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