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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

केवल पीएसयू ही बना सकेंगी ऑक्सीटोसिन

  • 09 Jun 2017
  • 3 min read

संदर्भ
विवादास्पद हार्मोन दवा ‘ऑक्सीटोसिन’ को भारतीय खुदरा बाज़ारों में 2014 में प्रतिबंधित करने के बाद ‘भारतीय दवा नियंत्रक’ जल्द ही इस दवा के उत्पादन को केवल सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) तक ही सीमित करने जा रहा है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • पशु अधिकार कार्यकर्त्ता और महिला एवं बाल विकास मंत्री, मेनका गांधी द्वारा इस याचिका को पेश किया गया है।
  • इस दवा का उपयोग डेयरी मालिकों और किसानों द्वारा दूध के उत्पादन को बढ़ाने और सब्जियों का आकार बढ़ाने और ताज़ा बनाने के लिये किया जाता है। 
  • सर्वे में यह पाया गया कि दुधारू पशुओं में और किसानों द्वारा सब्ज़ियों में ऑक्सीटोसिन का अंधाधुंध इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे मनुष्यों में अवांछनीय हार्मोनों की क्षति हो रही है।
  • यह अनुसूची-एच (Schedule -H) दवा होने के बावज़ूद भी पंजीकृत निजी दवा निर्माताओं द्वारा इस दवा का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। 
  • इस दवा के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होने का एक प्रमुख कारण है भारत में मजबूत पशु चिकित्सा सेवाओं का अभाव होना।
  • मार्च 2016 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को ऑक्सीटोसिन के निर्माण को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तक सीमित करने का आदेश दिया था और जिन कंपनियों ने पहले ही लाइसेंस प्राप्त कर लिया है, उन्हें इस दवा का निर्माण न करने के निर्देश भी दिये थे।
  • ऑक्सीटोसिन के दुरुपयोग के कारण दुधारू पशुओं में बाँझपन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। 

ऑक्सीटोसिन

  • ऑक्सीटोसिन एक हार्मोन है जो मस्तिष्क में अवस्थित पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होता है।
  • मनुष्य के व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण आक्सीटोसिन को प्यारा हार्मोन व आनंद हार्मोन आदि नामों से भी जाना जाता है।
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