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नई प्रतिभूतियां: छात्र ऋण का एक विकल्प

  • 23 Sep 2019
  • 6 min read

संदर्भ

भारत में जैसे-जैसे विद्यार्थियों द्वारा अध्ययन हेतु ऋण लेने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऋणों का एनपीए (NPA) होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में मानव पूंजी अनुबंध (Human Capita।Contracts-HCC) विद्यार्थियों के लिये सामान्य ऋण (Debt) का एक अच्छा विकल्प बन गया है।

मानव पूंजी अनुबंध का अर्थ

  • मानव पूंजी अनुबंध उच्च शिक्षा के वित्तपोषण के लिये उपयोग किये जाने वाला नवाचारी वित्तीय साधन या वित्तीय प्रपत्र है।
  • इस प्रकार के अनुबंध में निवेशक द्वारा निवेश की गई राशि का प्रतिफल मुख्य रूप से ऋण लेने वाले विद्यार्थी की भविष्य की आय पर निर्भर करता है।
  • इस प्रकार के अनुबंध से छात्रों के लिये भविष्य का जोखिम कम हो जाता है और इसी कारण यह विद्यार्थियों के लिये ऋण का एक अच्छा विकल्प माना जाता है।

मानव पूंजी अनुबंध (HCC) के लाभ

  • विद्यार्थियों को लाभ:
    • यह विद्यार्थियों के लिये ऋण का अच्छा विकल्प है एवं इससे दिवालियापन तथा NPA खतरा कम होता है।
    • इस अनुबंध में यह भी व्यवस्था होती है कि यदि किसी छात्र को अच्छी नौकरी नहीं मिलती तो उसे किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं करना होगा। साथ ही अनुबंध में निवेशकों के हितों की रक्षा हेतु यह भी प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत यदि किसी विद्यार्थी को अपने क्षेत्र में अधिक सफलता मिल जाती है तो उसे ज़्यादा भुगतान भी करना पड़ सकता है।
    • इसके माध्यम से छात्र भारी वित्तीय बोझ के बिना उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
    • यह पहल शिक्षा बाज़ार की दक्षता में सुधार करने की दिशा में लाभदायक होगा।
  • निवेशकों को लाभ:
    • निवेशकों के लिये यह एक नए प्रकार की परिसंपत्ति है, जिससे भविष्य में अधिकतम लाभ कमाया जा सकता है।
    • HCC शिक्षा को आकर्षक निवेश के रूप में देखा जा रहा है।
  • सरकार को लाभ:
    • यह सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के वित्तपोषण पर किये जा रहे खर्च के बोझ को कम करता है।
    • साथ ही इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि देश में शिक्षण पर किया गया कोई भी निवेश देश के विकास पर किये गए निवेश के समान ही होता है।
    • यह राज्य को शैक्षिक बजट को बेहतर बनाने का विकल्प प्रदान करता है।
    • उच्च शिक्षा बाजार की दक्षता में सुधार करेगी।

कैसे कार्य करता है मानव पूंजी अनुबंध (HCC)?

उदाहरण के लिये आप MBA के छात्र हैं और आप 20 लाख का ऋण लेना चाहते हैं। आप या तो 10% ब्याज दर पर पांच साल का ऋण प्राप्त कर सकते हैं या एचसीसी (HCC) के तहत अगले पांच वर्षों के लिये अपनी कुल आय का 15% भुगतान करने का वादा कर सकतें हैं। इस प्रकार आप अपनी शिक्षा के लिये ऋण प्राप्त कर सकतें हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि आपको कम या अधिक राशि भी प्राप्त हो सकती है। साथ ही भविष्य में जो राशि भुगतान करनी है, वह आपकी आय पर निर्भर करेगी।

Bad Loan Burden

मानव पूंजी अनुबंध (HCC) में निहित मुद्दे:

  • निवेशकों से संबंधित मुद्दे:
    • निवेशकों को निवेश करते समय कानूनी अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है।
    • निवेशकों द्वारा छात्रों की आय का सही अनुमान लगाना कठिन होगा।
    • छात्र अपनी आय को भुगतान के समय छिपा भी सकतें हैं।
    • निवेशकों को अनुबंधों को लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • छात्रों से संबंधित मुद्दे:
    • छात्र अपनी आय का कुछ भाग बेचता है अतः यह छात्रों पर नैतिक रूप से प्रभाव डाल सकता है।
    • अन्य प्रकार के विकल्प उपस्थित होने पर छात्र उनका उपयोग कर सकतें हैं।
    • छात्र द्वारा अपनी आय को बेचना, आंशिक गुलामी का भाव उत्पन्न करता है।
  • नीति निर्माताओं से संबंधित मुद्दे:
    • नीति निर्माताओं और उच्च शिक्षा प्रशासकों द्वारा इसके क्रियान्वन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष:

मानव पूंजी अनुबंध (Human Capita।Contracts-HCC) में निहित चुनौतियों के बाद भी छात्रों द्वारा अपनी शिक्षा को पूरा किया गया है तथा कई उद्योग विकसित हुए हैं। अतः इस प्रकार के नवाचारी वित्तीय साधनों का नए तरीके से स्वागत करना चाहिये जिससे शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगिता को बढ़ावा मिले व छात्रों के नए अवसर उपलब्ध हों।

स्रोत: लाइव मिन्ट

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