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नासा ने हल्क, गॉडजिला पर रखे गामा किरण पुंजों के नाम

  • 23 Oct 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने 21 गामा किरण पुंजों के सेट को नया नाम दिया है। इनके नाम हल्क और गॉडजिला जैसे काल्पनिक फिल्मी किरदारों पर रखे गए हैं। वैज्ञानिकों ने फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप मिशन के दस साल पूरे होने के मौके पर यह नामकरण किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • गामा किरणें अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं, जैसे- तारों के विस्फोट, ब्लैक होल आदि से उत्सर्जित होती हैं।
  • 2015 तक फर्मी ने गामा किरणों के करीब तीन हज़ार स्रोतों का पता लगा लिया था। खोजे गए स्रोतों की संख्या अंतरिक्ष में मौजूद चमकीले तारों की संख्या के बराबर होने का अनुमान है। इसलिये वैज्ञानिकों ने इन किरणों के समूह तैयार किये।
  • वैज्ञानिकों द्वारा तारों के समूह के आकार को ध्यान में रखकर उन्हें नाम दिया जाता रहा है।
  • इसी तर्ज पर वैज्ञानिकों ने गामा किरण पुंजों का भी नामकरण किया। इनके नाम लिटिल प्रिंस, हॉलीवुड फिल्म 'डॉक्टर हू' में दिखाई गई जादुई आलमारी 'टार्डिस', गॉडजिला, हल्क और स्टार ट्रेकः द ओरिजनल सीरीजज़के यूएसएस एंटरप्राइज के नाम पर रखे गए हैं। 

फर्मी के टेलीस्कोप से मदद

  • फर्मी का लार्ज एरिया टेलीस्कोप (Fermi’s Large Area Telescope-LAT) जुलाई, 2008 से अंतरिक्ष में मौजूद सबसे उच्च ऊर्जा वाली किरण 'गामा-रे' के स्रोतों की खोज कर रहा है।
  • उत्सर्जन पल्सर, नोवा विस्फोट, सुपरनोवा विस्फोटों के मलबे और हमारी आकाशगंगा में स्थित विशाल गामा-रे से हो सकता है या विस्फोट सुपरमैसिव ब्लैक होल और गामा-रे बुलबुले से हो सकता है जो ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली विस्फोट होता है।
  • 2015 तक फर्मी के एलएटी द्वारा प्रतिचित्रित विभिन्न स्रोतों की संख्या मिशन से पहले ज्ञात संख्या से 3,000 यानी 10 गुना तक बढ़ी है।
  • पहली बार ज्ञात गामा-रे स्रोतों की संख्या उज्ज्वल सितारों की संख्या के बराबर थी, इसलिये किरण पुंजों के एक नए सेट को समझने के लिये इस शानदार तरीके का इस्तेमाल किया गया। 

वेब आधारित इंटरैक्टिव

  • नासा ने आधुनिक मिथकों से कुछ पात्रों और आइकन के नाम पर गामा किरण पुंजों का नाम चुना, जैसे- द लिटिल प्रिंस, ‘डॉक्टर हू’ से द टाइम-वार्पिंग TARDIS, गोडजिला तथा उसकी गर्म किरणें, 'स्टार ट्रेक' से चालित एंटीमैटर यूएसएस एंटरप्राइज़ : द ओरिजिनल सीरीज़ तथा द हल्क जो कि दिलचस्प रूप से गामा-रे प्रयोग के उत्पाद हैं।
  • 21 गामा किरण पुंजों के रूप में प्रसिद्ध स्थलों में शामिल हैं - स्वीडन की युद्धपोत, वासा, वाशिंगटन स्मारक और जापान में माउंट फुजी।

फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप के बारे में प्रमुख तथ्य

  • फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप ब्रह्मांड में विकिरण के सबसे शक्तिशाली स्रोतों का अध्ययन करने वाला नासा का अंतरिक्ष यान है।
  • गामा किरणों में दिखाई देने वाली प्रकाश की ऊर्जा 1 अरब गुना अधिक होती है और इतनी मज़बूत होती है कि यदि पृथ्वी का वायुमंडल रक्षा नहीं करे तो वह मनुष्यों को नुकसान पहुँचा सकती है।
  • चूँकि गामा किरणें वायुमंडल में प्रवेश नहीं कर सकती हैं, इसलिये वैज्ञानिक अंतरिक्ष में उपग्रहों का उपयोग करके इनका अध्ययन करते हैं।
  • गामा किरणें वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें ब्रह्मांड में उच्च ऊर्जा वाले वातावरण के बारे में बता सकती हैं।
  • ज्ञात गामा किरणों के स्रोतों में से आधे से अधिक रहस्यमय हैं और वैज्ञानिकों को पता नहीं है कि गामा किरणें उन स्रोतों से क्यों निकलती हैं।
  • वैज्ञानिकों ने उन वस्तुओं की तस्वीरें लेने के लिये फर्मी टेलीस्कोप से पृथ्वी पर भेजी गई जानकारी का उपयोग किया है जो गामा किरणों के स्रोतों की खोज में मदद कर सकती है।
  • शुरुआत में फर्मी का नाम GLAST-Gamma-Ray Large Area Space Telescope था किंतु बाद में इसे वैज्ञानिक एनरिको फर्मी के नाम पर रखा गया।
  • एनरिको फर्मी ने उच्च ऊर्जा भौतिकी का अध्ययन करने के लिये गामा किरणों का इस्तेमाल किया और उनके नाम का यह टेलीस्कोप नासा को उनके सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर रहा है।
  • फर्मी सुपरमैसिव ब्लैक होल की खोज कर रहा है और साथ ही नए व अत्यधिक घनत्व के तारे (pulsars) की खोज भी कर रहा है।
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