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भारतीय राजव्यवस्था

जम्मू और कश्मीर का परिसीमन

  • 14 Aug 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों? 

चुनाव आयोग ने जम्मू और कश्मीर के नया केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद चुनाव से पहले इसके निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर आंतरिक चर्चा की।

प्रमुख बिंदु: 

  • वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 7 अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्रों की बात कही गई थी।
  • चुनाव आयोग ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या में वृद्धि का मुद्दा एक राजनीतिक निर्णय है लेकिन इसकी प्रक्रिया को परिसीमन आयोग विधि के अनुसार ही पूरा करेगा।
  • प्रति निर्वाचन क्षेत्र की औसत निर्वाचक संख्या प्राप्त करने के लिये कुल जनसंख्या को 114 सीटों से  विभाजित किया जाएगा। प्रशासनिक इकाइयों के विभाजन के बाद निर्वाचन क्षेत्रों की भी सीमा सुनिश्चित की जाएगी। 
  • जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश की विधानसभा सीटों की संख्या को 107 से बढ़ाकर 114 कर दिया जाएगा। 
  • अधिनियम यह भी निर्दिष्ट करता है कि परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर वर्ष 2026 तक प्रभावी रहेगा।

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India): 

  • भारत निर्वाचन आयोग, जिसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
  • यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है।
  • भारतीय संविधान का भाग 15 चुनावों से संबंधित है जिसमें चुनावों के संचालन के लिये एक आयोग की स्थापना करने की बात कही गई है।
  • चुनाव आयोग की स्थापना संविधान के अनुसार 25 जनवरी, 1950 में की गई थी।
  • संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 तक चुनाव आयोग और सदस्यों की शक्तियों, कार्य, कार्यकाल, पात्रता आदि से संबंधित हैं।
  • निर्वाचन आयोग में मूलतः केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, लेकिन राष्ट्रपति की एक अधिसूचना के ज़रिये 16 अक्तूबर, 1989 को इसे तीन सदस्यीय बना दिया गया।
  • इसके बाद कुछ समय के लिये इसे एक सदस्यीय आयोग बना दिया गया और 1 अक्तूबर, 1993 को इसका तीन सदस्यीय आयोग वाला स्वरूप फिर से बहाल कर दिया गया। तब से निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं।
  • इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (दोनों में से जो भी पहले हो) तक होता है।
  • इन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समकक्ष दर्जा प्राप्त होता है और उसके समान ही वेतन एवं भत्ते मिलते हैं।
  • मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही पद से हटाया जा सकता है।
  • निर्वाचन आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है।

स्रोत: द हिंदू

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