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डेली न्यूज़

कृषि

एकीकृत मृदा पोषक तत्त्व प्रबंधन

  • 07 May 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

मृदा स्वास्थ कार्ड 

मेन्स के लिये:

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की उपलब्धियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) द्वारा एकीकृत मृदा पोषक तत्त्व प्रबंधन (Integrated Soil Nutrient Management ) के लिये मिशन मोड जागरूकता अभियान (Mission Mode Awareness Campaigns) के माध्यम से कृषक आंदोलन का आह्वान किया गया है। 

मुख्य बिंदु:

  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जैव एवं जैविक उर्वरकों के बढ़ते उपयोग और रासायनिक उर्वरकों के कम से कम इस्‍तेमाल के लिये मिशन मोड में  जागरूकता अभियान शुरू करने का आवाहन किया गया है।
  • मिशन के लिये जारी दिशा-निर्देशों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card-SHC) की सिफारिशों के आधार पर निर्धारित किया जायेगा।
  • वर्ष 2020-21 के दौरान इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस देश के सभी ज़िलों को कवर करते हुए 1 लाख से अधिक गाँवों के किसानों को जागरुक करने पर होगा।
  • कृषि में शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं, महिला स्वयं सहायता समूहों, इत्‍यादि के द्वारा ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी।
  • इसके बाद मृदा स्वास्थ कार्ड योजना के तहत समुचित कौशल संवर्द्धन के द्वारा रोज़गार सृजन सुनिश्चित करने पर बल दिया जायेगा।
  •  ‘कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग’ (The Department of Agriculture, Cooperation and Farmers’ Welfare) द्वारा सुरक्षित पौष्टिक भोजन के लिये  भारतीय प्राकृत कृषि पद्धति सहित उर्वरकों के जैविक परीक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये मिट्टी के परीक्षण के आधार पर एक व्यापक अभियान पंचायत राज, ग्रामीण विकास और पेयजल तथा स्वच्छता विभागों (Departments of Panchayat Raj, Rural Development and Drinking Water and Sanitation) के साथ मिलकर चलाया जाएगा।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना

(Soil Health Card Scheme ):

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरूआत 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के सूरतगढ़ से की गई।
  • इस योजना के तहत हर 2 वर्ष के अंतराल पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जाते हैं।    
  • ये कार्ड किसानों को मृदा स्वास्थ्य और इसकी उर्वरता में सुधार के लिये आवश्यक  पोषक तत्त्वों की उचित मात्रा के साथ-साथ किसानों को मिट्टी की पोषक स्थिति की जानकारी प्रदान करते हैं।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में:

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड में  छः फसलों के लिये उर्वरकों की दो श्रेणियाँ निर्धारित की गई है जिसमे जैविक खाद भी शामिल है।
  • किसान इस कार्ड को मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल के माध्यम से स्वयं भी प्रिंट कर सकते हैं/ प्राप्त कर सकते हैं।
  • सुविधा की दृष्टि से मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल में किसान का डाटा दो चक्रीय रूपों तथा 21 भाषाओँ में विद्यामन है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की उपलब्धियाँ:  

  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council- NPC) के अनुसार, योजना के माध्यम से सतत् कृषि को बढ़ावा मिला है।
  • कृषि कार्यों में रासायनिक उर्वरक के उपयोग में 8-10% की कमी देखी गई है।
  • कार्ड पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्वों के उपयोग करने के कारण फसलों की उपज में 5-6% की वृद्धि हुई है।
  • योजना के पहले चक्र (वर्ष 2015-17) में 10.74 करोड़ तथा दूसरे चक्र (2017-19) में 9.33 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये गए हैं। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में अब तक सवा दो करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं।

स्रोत: पी.आई.बी

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