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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

हिंद महासागर रिम कूटनीति

  • 09 Dec 2019
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन, व्हाइट शिपिंग

मेन्स के लिये:

IORA और भारत के हित

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अबुधाबी में आयोजित 19वें इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association-IORA) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत ने हिंद महासागर से जुड़े तटीय देशों से समुद्री और क्षेत्रीय सुरक्षा हेतु गहरे संबंधों की मांग की है।

मुख्य बिंदु:

  • IORA के इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश की सुविधा, पर्यटन, सांस्कृतिक आदान -प्रदान, ब्लू इकोनॉमी तथा महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • इस सम्मलेन की थीम- “हिंद महासागर में एक साझी नियति और समृद्धि की राह को प्रोत्साहन (Promoting a Shared Destiny and Path to Prosperity in the Indian Ocean)” है।

भारत और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन:

  • इस सम्मेलन का अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात एवं उपाध्यक्ष बांग्लादेश है और ये दोनों देश भारत के महत्त्वपूर्ण साझेदारों में हैं जिससे यह सम्मेलन भारत के लिये महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
  • भारत की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में होर्मुज जलडमरूमध्य एवं फारस की खाड़ी रणनीतिक भूमिका निभाते हैं।
  • देश की लगभग 80 % ऊर्जा आवश्यकताओं को समुद्री रास्ते से पूरा किया जाता है और इसमें भी लगभग 55 % फारस की खाड़ी क्षेत्र से पूरी होती हैं।
  • वर्ष 2015 में अपनी मॉरीशस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने महत्त्वाकांक्षी नीति ‘सागर’ (Security and Growth for All-SAGAR) की शुरुआत की।
  • IORA के उद्देश्य भारत के ‘SAGAR’ (हिंदमहासागरीय क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा एवं संवृद्धि ) नीति के उद्देश्यों के अनुरूप हैं, अतः अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिये भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में और उसके बाहर भी एक सुरक्षा प्रदाता के रूप में ज़िम्मेदारी मिली हुई है ।
  • हिंदमहासागरीय क्षेत्र अवसरों और अमूर्त खतरों का भी एक क्षेत्र है। भारत पहले ही 20 देशों के साथ व्हाइट शिपिंग समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुका है, यह समुद्री सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्त्वपूर्ण है।
  • इस क्षेत्र में सुनामी, मानव तस्करी और समुद्रपारीय आतंकवाद जैसे अमूर्त खतरे चिंता का विषय है जिन्हें IORA में शामिल किया गया हैं।

व्हाइट शिपिंग(White Shipping):

  • व्हाइट शिपिंग का मतलब गैर-सैन्य वाणिज्यिक जहाज़ों की पहचान और आवाजाही के बारे में अग्रिम सूचनाओं को साझा करना और आदान-प्रदान करना है।
  • सफेद रंग का कोड वाणिज्यिक जहाज़ों के लिये है, भूरा रंग कोड सैन्य जहाज़ों के लिये है और अवैध जहाज़ों को काले रंग के कोड से दर्शाया जाता है।
  • व्हाइट शिपिंग समझौते के बाद, सफेद जहाज़ों के बारे में आपसी डेटा साझा किया जाता है। भारतीय नौसेना का सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (गुरुग्राम) व्हाइट शिपिंग समझौते के लिये मॉडल केंद्र है।
  • भारत इस क्षेत्र में ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिये IORA के सदस्य देशों सहित सोमालिया, ओमान और अन्य वाणिज्यिक मत्स्य क्षेत्र में अपने कौशल को साझा कर रहा है।
  • भारत मालदीव, श्रीलंका, सेशेल्स और बांग्लादेश आदि देशों के साथ मज़बूत समुद्री संबंधों को बढ़ावा देकर अपने सूचना तंत्र को विकसित कर रहा है।
  • IORA भारत के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है यही वजह है कि न केवल तटीय देशों बल्कि इस क्षेत्र में अन्य देशों के साथ भी भारत अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिये प्रयासरत है।

संयुक्त अरब अमीरात और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन :

  • संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2021 तक IORA के अध्यक्ष पद पर बना रहेगा इससे पहले यह पद दक्षिण अफ्रीका के पास था।
  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की अध्यक्षता में इस सम्मेलन में सुझाव दिया गया है कि एक IORA विकास कोष (IORA Development Fund) की स्थापना की जाएगी। इसके फंड से हिंद महासागर रिम के कम विकसित देशों की आर्थिक क्षमता को सुधारने में मदद मिलेगी।
  • IORA के अनुसार-
  1. लगभग 2.7 बिलियन लोग हिंद महासागर की सीमा वाले देशों में रहते हैं।
  2. दुनिया के कंटेनर जहाज़ों का आधा हिस्सा, विश्व के थोक माल यातायात का एक-तिहाई और विश्व तेल यातायात का दो-तिहाई हिस्सा हिंद महासागर में समुद्री व्यापार मार्गों से होकर जाता है।

बांग्लादेश के लिये एक महत्त्वपूर्ण अवसर :

  • बांग्लादेश दो साल के लिये इस क्षेत्रीय संगठन के उपाध्यक्ष के पद पर रहेगा और संभवतः 2021 में अध्यक्ष पद भी संभालेगा जिस पर वह 2 साल तक रहेगा इस प्रकार बांग्लादेश को हिंद महासागर क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये लगातार चार वर्ष का समय (2019-23) मिलेगा।

स्रोत- फाइनेंसियल एक्सप्रेस

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