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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

वित्तीय वर्ष 2017 में भारत की जीडीपी दर 6.6 % रहने का अनुमान : आईएमएफ

  • 17 Jan 2017
  • 6 min read

पृष्ठभूमि

भारत में उच्च मूल्य वाली मुद्रा का विमुद्रीकरण होने के कारण 16 जनवरी, 2017 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund - IMF) ने वित्तीय वर्ष 2017 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.6 % रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है| विदित हो कि गत वर्ष अक्तूबर माह में प्रकाशित “वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक“ (World Economic Outlook) में भी आईएमएफ द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर पूर्व की अनुमानित दर 7.6% के स्थान पर 6.6% रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था|  

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर अनुमानों के  विपरीत इसी समयावधि के लिये चीन की विकास दर (China’s growth rate) में अक्तूबर के अनुमानित प्रतिशत 6.5% के स्थान पर 6.7% की वृद्धि होने की संभावना है |
  • ध्यातव्य है कि जनवरी माह के आरंभ में भारत के सांखिकीय विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर गत वर्ष के 7.6% की तुलना में 7.1% रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया| 
  • आईएमएफ द्वारा वर्ष 2017-18 के लिये देश की विकास दर 7.2.% (पहले यह अनुमान 7.6% था) रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है| 
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कथनानुसार भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाया गया विमुद्रीकरण संबंधी कदम आईएमएफ के पूर्वानुमानों की तुलना में भारत की वृद्धि दर को वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिये 1 प्रतिशत तथा अगले वर्ष के लिये 0.4% तक कम कर देगा|
  • ध्यातव्य है कि आईएमएफ द्वारा विश्व की अधिकतर अर्थव्यवस्थाओं के लिये कैलेंडर वर्ष के आधार पर आर्थिक विकास दर का पूर्वानुमान व्यक्त किया जाता है, जबकि भारत के लिये वित्तीय वर्ष के आधार पर ऐसा किया जाता है|
  • आईएमएफ के अनुसार, वर्ष 2017-18 तक धीरे-धीरे विमुद्रीकरण का प्रभाव कम हो जाएगा, फलस्वरूप वर्ष 2018 में देश की आर्थिक विकास दर में बढ़ोतरी होने की संभावना है| 
  • वहीं दूसरी ओर, वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज़ (Moody’s) के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था में मध्यम अवधि (medium term) में उपभोग तथा निवेश दर में अस्थाई कमी आने के बावजूद, विमुद्रीकरण के कारण देश के संस्थागत ढाँचे में (कर व्यवस्था तथा भ्रष्टाचार में कमी आने के कारण) मज़बूती आने की संभावना है|  
  • आईएमएफ के अनुसार, वर्ष 2018 तक अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था में एक सीमांत ऊर्ध्वगामी परिवर्तन (Marginal Upward Shift) होने की सम्भावना है, जबकि भारत, ब्राज़ील तथा मेक्सिको जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अधोगामी संशोधित परिवर्तन (Revised Downwards Shift) होने की सम्भावना है|
  • इसके अतिरिक्त, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे अन्य एशियाई देशों द्वारा भी मध्यम अवधि में विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की सम्भावना व्यक्त की गई है| 
  • ध्यातव्य है कि चीन विश्व के विकास की एक मुख्य संचालक अर्थव्यवस्था है| ऐसे में वर्ष 2017 हेतु चीन की विकास दर के सम्बन्ध में दर्ज किये गए नवीनतम सुधार आने वाले वर्षों में तेज़ी से होने वाले अनुमानित वैश्विक सुधारों का एक महत्त्वपूर्ण कारक सिद्ध होंगे|

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्र कोष (International Monetary Fund - IMF)  एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का कार्य करती है| 
  • यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने तथा आर्थिक विकास को सुगम बनाने में भी सहायता प्रदान करती है|
  • आईएमएफ का मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. संयुक्त राज्य अमेरिका में है|
  • आईएमएफ की विशेष मुद्रा एसडीआर (Special Drawing Rights) कहलाती है| ध्यातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वित्त के लिये कुछ देशों की मुद्रा का प्रयोग किया जाता है, इसे ही एसडीआर कहते हैं| एसडीआर के अंतर्गत यू.एस. डॉलर, पाउंड स्टर्लिंग, जापानी येन, यूरो तथा चीन की रेंमिन्बी शामिल हैं|
  • आईएमएफ का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी को कम करना, रोज़गार के नए अवसरों का सृजन करने करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना है|
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