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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

हुआवेई मुद्दा और भारत की चिंताएँ

  • 14 May 2019
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एक ब्रिटिश कैबिनेट मंत्री को चीनी कंपनी, 'हुआवेई' (Huawei) से जुड़े मामले की वज़ह से अपना पद खोना पड़ा।

प्रमुख बिंदु

  • हुआवेई पर संदेह
  • 'हुआवेई' उन देशों में खतरा उत्पन्न कर सकती है जहाँ यह संचालित है। उदाहरण के लिये ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वोडाफोन ने कंपनी के सॉफ्टवेयर में छिपे एक चोर दरवाज़े की पहचान की थी जो इटली में हुआवेई को फिक्स्ड लाइन नेटवर्क तक अनधिकृत पहुँच प्रदान कर सकता था।
  • अमेरिकी सरकार ने हुआवेई को अपने नेटवर्क से प्रतिबंधित कर दिया है और ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड तथा कनाडा को भी ऐसा करने की सलाह दी है।
  • अमेरिका का दावा है कि चीनी सरकार और सेना के साथ हुआवेई के करीबी संबंध उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये जोखिम पैदा कर सकते हैं।
  • न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने 5जी नेटवर्क की लॉन्चिंग में हुआवेई के उपकरणों के उपयोग को रोक दिया है।
  • भारत का रुख
  • भारत में नेटवर्क ऑपरेटरों के बीच 5जी नेटवर्क की लॉन्चिंग के विकल्पों (हुआवेई के संबंध में) को लेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
  • आवश्यक सुरक्षा उपायों के मद्देनज़र भारत सरकार ने हुआवेई को 5G कनेक्टिविटी के लिये परीक्षण करने की अनुमति दी है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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