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हंतावायरस

  • 25 Mar 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये

हंतावायरस

मेन्स के लिये

हंतावायरस के लक्षण तथा इसके संक्रमण को रोकने के उपाय

चर्चा में क्यों?

दुनिया भर में कोरोनावायरस (COVID-19) का प्रसार काफी तेज़ी से हो रहा है और विश्व के अधिकांश देश इसकी चपेट में आ गए हैं, हालाँकि चीन, जहाँ से इस वायरस की शुरुआत हुई थी, में अब कोरोनावायरस (COVID-19) का प्रभाव काफी सीमित हो गया है, किंतु चीन में हंतावायरस (Hantavirus) नामक वायरस का पता लगा है। 

प्रमुख बिंदु

  • ध्यातव्य है कि चीन के शानदोंग प्रांत (Shandong Province) से लौटते हुए युन्नान प्रांत (Yunnan Province) के एक व्यक्ति की इस वायरस के कारण मृत्यु हो गई है। 

क्या है हंतावायरस?

  • सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) के अनुसार, हंतावायरस मूल रूप से मूषकों (Rodents) से फैलता है।
  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से मूषकों के मूत्र, मल और लार के संपर्क में आता है, तो यह वायरस मूषकों से मनुष्यों में फैल जाता है।
  • हालाँकि आमतौर पर हंतावायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित नहीं होता है। शोधकर्त्ताओं के अनुसार, हंतावायरस के संक्रमण के लक्षण सामने आने में एक से आठ हफ्तों का समय लग सकता है।
  • इस वायरस के संपर्क में आने से लोगों को हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (Hantavirus Pulmonary Syndrome-HPS) और हेमोरेजिक फीवर विद रीनल सिंड्रोम (Haemorrhagic Fever with Renal Syndrome-HFRS) हो सकते हैं। 
  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार, दुनिया की आबादी को नियंत्रित करना इस वायरस को रोकना का सर्वाधिक प्रभावी उपाय है।

लक्षण

  • थकान, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, ठंड लगना और पेट दर्द HPS के शुरुआती लक्षण हैं। 
  • गंभीर संक्रमण में खाँसी और साँस की तकलीफ जैसी शारीरिक समस्याएँ हो सकती हैं।
  • सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, यह वायरस काफी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इसमें मृत्यु दर लगभग 38 प्रतिशत है।
  • इसके अलावा HFRS में भी HPS के समान ही लक्षण होते हैं, किंतु इसमें कुछ गंभीर समस्याएँ जैसे- निम्न रक्तचाप, तीव्र आघात और किडनी फेल आदि भी हो सकती हैं।

इतिहास तथा मौज़ूदा स्थिति: 

  • कुछ लोग हंतावायरस को एक नए वायरस के रूप में देख रहे हैं, किंतु यह नया वायरस नहीं है। हंतावायरस को पहली बार 1950 के दशक की शुरुआत में एक संक्रामक बीमारी के रूप में खोजा गया था जब कोरिया में तैनात 3,000 संयुक्त राष्ट्र के सैनिकों की एक रहस्यमय बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। 
  • जनवरी 2019 में हंतावायरस के कारण अमेरिका के पेटागोनिया (Patagonia) में 9 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
  • एक अनुमान के अनुसार, हंतावायरस से संक्रमित लोगों के 60 मामले सामने आए थे, जिनमें 50 लोगों को क्वारंटीन में रखा गया था।
  • भारत में भी हंतावायरस नया नहीं है। सर्वप्रथम वर्ष 2011 में कर्नाटक में हंतावायरस के कारण कुछ लोगों की मृत्यु हो गई थी, हालाँकि इसके बाद अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है।

स्रोत: बिज़नेस टुडे

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