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कोरोनावायरस रोकथाम- साबुन और सैनिटाइज़र

  • 07 Apr 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये

COVID-19, अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र

मेन्स के लिये

कोरोनावायरस के रोकथाम से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

साबुन और पानी से हाथ धोना अथवा अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र (Alcohol-Based Sanitizer) का उपयोग करना कोरोनावायरस (COVID-19) के रोकथाम हेतु काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है। किंतु जैसे-जैसे कोरोनावायरस का प्रसार होता जा रहा है वैसे-वैसे अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र की मांग भी बढ़ती जा रही है। 

प्रमुख बिंदु

  • विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस को खत्म करने के लिये आवश्यक है कि 70 से 80 प्रतिशत  अल्कोहॉल की मात्रा वाले सैनिटाइज़र का उपयोग करना चाहिये। 
  • वायरस को खत्म करने में अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र की भूमिका भी सामान्य साबुन के समान ही है। ध्यातव्य है कि सैनिटाइज़र की सीमित उपलब्धता के कारण COVID -19 के विरुद्ध जंग में सामान्य साबुन सबसे बड़े हथियार के रूप में सामने आया है।
  • शोध के अनुसार, कोरोनावायरस (COVID-19) में एक लिपिड एनवलप (Lipid Envelope) और एक अपमार्जक द्रव्य (Detergent) होने के कारण सामान्य साबुन तथा सैनिटाइज़र में इस लिपिड एनवलप को समाप्त करने की क्षमता होती है। 
  • कोरोनावायरस केवल कोशिकाओं के अंदर ही प्रतिकृत (Replicate) हो सकते हैं, किंतु कई अध्ययनों से यह सामने आया है कि यह वायरस सतह पर भी लंबे समय तक जीवित रह सकता  है। 
  • ऐसी स्थिति में सामान्य साबुन और अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि ये सतह पर मौजूद वायरस को समाप्त करने में  सक्षम होते हैं। 

कोरोनावायरस का स्ट्रक्चर

  • यू.एस. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (US National Institutes of Health) के अनुसार, अन्य कोरोनावायरस की तरह, SARS-CoV-2 के कण भी गोलाकार होते हैं और इनमें प्रोटीन होते हैं जिन्हें स्पाइक्स कहा जाता है।
    • SARS-CoV-2 उस वायरस का नाम है जिसके कारण कोई व्यक्ति COVID-19 से प्रभावित होता है।
  • ये स्पाइक मानव कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं, जिसके पश्चात् इनमें संरचनात्मक परिवर्तन होते हैं जो वायरस की झिल्ली (Virus Membrane) को कोशिका की झिल्ली (Cell Membrane) के साथ एकरूप करने में मदद करता है।

कोरोनावायरस

  • COVID-19 वायरस मौजूदा समय में भारत समेत दुनिया भर में स्वास्थ्य और जीवन के लिये गंभीर चुनौती बना है। अब संपूर्ण विश्व में इसका प्रभाव स्पष्ट तौर पर दिखने लगा है।
  • WHO के अनुसार, COVID-19 में CO का तात्पर्य कोरोना से है, जबकि VI विषाणु को, D बीमारी को तथा संख्या 19 वर्ष 2019 (बीमारी के पता चलने का वर्ष ) को चिह्नित करता है।
  • कोरोनावायरस (COVID -19) का प्रकोप तब सामने आया जब 31 दिसंबर, 2019 को चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में अज्ञात कारण से निमोनिया के मामलों में हुई अत्यधिक वृद्धि के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया गया।
  • ध्यातव्य है कि इस खतरनाक वायरस के कारण चीन में अब तक 75000 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और यह वायरस धीरे-धीरे संपूर्ण विश्व में फैल गया है।

स्रोत: द हिंदू

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