लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

शासन व्यवस्था

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस

  • 10 Aug 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये 

द ग्रीन गोल्ड कलेक्शन, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, मेक इन इंडिया

मेन्स के लिये 

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस : महत्त्व एवं चुनौतियाँ,  ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा मूल देश के नाम को प्रदर्शित करने के प्रावधान से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) सिस्टम के परिणामस्वरूप पाँच वर्षों में सार्वजनिक खरीद लागत में 10% की बचत हुई है, लेकिन अभी भी यह भारत की कुल सरकारी खरीद का केवल 5% लगभग 20 लाख करोड़ रुपए प्रतिवर्ष है।

  • GeM पोर्टल के माध्यम से संसाधित ऑर्डर मूल्य का 56% सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) द्वारा वितरित किया गया है, जिसमें सात लाख लघु उद्यम/ फर्में शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु 

परिचय :

  • GeM विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभागों/संगठनों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा के लिये वन-स्टॉप राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है।
  • GeM पर उपलब्ध वस्तुओं और सेवाओं के लिये मंत्रालयों व केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSEs) द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद करना अनिवार्य है।
  • यह सरकारी उपयोगकर्त्ताओं को उनके पैसे का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करने की सुविधा के लिये ई-बोली और रिवर्स ई-नीलामी जैसे उपकरण भी प्रदान करता है।
  • वर्तमान में GeM के पास 30 लाख से अधिक उत्पाद हैं, इसके पोर्टल पर अब तक 10 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन हो चुका है।

लॉन्च:

  • इसे वर्ष 2016 में सरकारी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिये लॉन्च किया गया था।

नोडल मंत्रालय:

  • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय

हालिया अद्यतन:

  • बम्बू (Bamboo) मार्केट विंडो (द ग्रीन गोल्ड कलेक्शन)।
  • उत्पादों के मूल देश का होना अनिवार्य : GeM ने सभी विक्रेताओं को ई-मार्केटप्लेस (Government e-Marketplace- GeM) पर नए उत्पादों को पंजीकृत करते समय ‘मूल देश’  को सूचीबद्ध करने के लिये अनिवार्य किया है।
    • इसे पोर्टल पर सक्षम किया गया है ताकि खरीदार केवल उन्हीं उत्पादों को खरीदने के लिये चुन सकें जो न्यूनतम 50% स्थानीय सामग्री मानदंडों को पूरा करते हों।

महत्त्व:

  • पारदर्शी और लागत प्रभावी खरीद: GeM त्वरित, कुशल, पारदर्शी और लागत प्रभावी खरीद को सक्षम बना रहा है, खासकर जब सरकारी संगठनों को कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये उत्पादों और सेवाओं की तत्काल आवश्यकता होती है।
  • आत्मनिर्भर भारत का प्रचार: GeM आत्मनिर्भर भारत नीति को बढ़ावा दे रहा है, जिसे कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना और छोटे भारतीय विनिर्माताओं को बढ़ावा देना है।
  • छोटे स्थानीय विक्रेताओं का प्रवेश: बाज़ार ने सरकार की 'मेक इन इंडिया' और एमएसएमई खरीद वरीयता नीतियों को सही मायने में लागू करते हुए सार्वजनिक खरीद में छोटे स्थानीय विक्रेताओं के प्रवेश की सुविधा प्रदान की है।
  • एक ही स्थान पर कई संस्थाएँ: ऑनलाइन मार्केटप्लेस समान उत्पादों के लिये कई संस्थाओं से मांग कर सकता है और राज्य सरकारों द्वारा छोटे उद्यमों को प्रदान की गई प्राथमिकताओं के आधार पर निर्माण कर सकता है।

चुनौतियाँ:

  • एकाधिक पोर्टल:
    • केंद्र सरकार के विभागों में कई पोर्टल हैं, जैसे- रक्षा खरीद पोर्टल और भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम जो राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के रूप में अपने जनादेश को प्राप्त करने के लिये GeM के प्रयास को सीमित कर सकते हैं और पैमाने व दक्षता की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ प्रदान कर सकते हैं। 
  • अनुपालन की कमी:
    • यह सभी केंद्रीय संगठनों हेतु सामान्य वित्तीय नियम (GFR) 2017 के नियम 149 का अनुपालन करने की एक चुनौती का भी सामना करता है, जिसमें यह अनिवार्य है कि सभी सामान्य उपयोग की वस्तुएँ और सेवाएँ जो कि GEM पोर्टल पर उपलब्ध हैं,  मंच पर आवश्यक रूप से खरीदी जानी चाहिये।

आगे की राह:

  • GeM की महत्त्वाकांक्षा आकार में वृद्धि और खरीदारों तथा विक्रेताओं दोनों के लिये वन-स्टॉप शॉप बनने की है। इसने एक शानदार शुरुआत की है और यह धीरे-धीरे एक कुशल व विश्वसनीय मार्केटप्लेस इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है।
  • यदि यह अपने विकास को सीमित करने वाली चुनौतियों को प्रभावी ढंग से दूर करता है तो एक चमकदार खनिज क्रिस्टल जितना कीमती हो सकता है, जिसे इसके नाम से ही पुकारा जाता है।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2