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डेली न्यूज़

जैव विविधता और पर्यावरण

वैश्विक जलवायु आपातकाल

  • 20 Jul 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में 6 महाद्वीपों के 7,000 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेटवर्क ने जलवायु आपातकाल की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु:

  • नेटवर्क ने संकट का समाधान करने के लिये 3-सूत्री योजना प्रस्तुत की है:

1. वर्ष 2030 या वर्ष 2050 तक कार्बन न्यूट्रलिटी की प्रतिबद्धता।

2. जलवायु परिवर्तन के अनुसंधान और कौशल निर्माण के लिये अधिक संसाधनों को जुटाना।

3. शिक्षा, पाठ्यक्रम और परिसर में पर्यावरण स्थिरता कार्यक्रमों की पहुँच बढ़ाना।

  • एलायंस फॉर सस्टेनेबिलिटी लीडरशिप इन एजुकेशन (Alliance for Sustainability Leadership in Education), अमेरिका स्थित उच्चतर शिक्षा जलवायु कार्रवाई संगठन (Climate Action Organization), सेकण्ड नेचर (Second Nature), UNEP के युवा और शिक्षा गठबंधन (Youth and Education Alliance) आदि संस्थाओं ने पहली बार सामूहिक स्तर पर जलवायु आपातकाल के प्रति प्रतिबद्धता हेतु हाल ही में न्यूयार्क में बैठक की।
  • जलवायु आपातकाल से निपटने के लिये स्ट्रैथमोर (Strathmore) विश्वविद्यालय केन्या, तोंगजी (Tongji) विश्वविद्यालय चीन, केज (KEDGE) बिजनेस स्कूल फ्राँस, ग्लासगो विश्वविद्यालय (UK), कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी USA, जायद विश्वविद्यालय UAE और ग्वाडलजारा (Guadalajara) विश्वविद्यालय मेक्सिको आदि के साथ ही ग्लोबल एलायंस (Global Alliance) और ग्लोबली रिस्पॉन्सिबल लीडरशिप इनिशिएटिव (Globally Responsible Leadership Initiative) जैसे वैश्विक शिक्षा नेटवर्को ने भी कार्बन न्यूट्रलिटी लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की।
  • जलवायु और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने एवं पर्यावरणीय स्थिरता को प्राप्त करने हेतु युवाओं के महत्त्वपूर्ण योगदान की आवश्यकता को इंगित किया गया है।
  • स्ट्रैथमोर विश्वविद्यालय में स्थापित 600 किलोवाट फोटोवोल्टिक ग्रिड सिस्टम के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा द्वारा इसका संचालन, तोंगजी विश्वविद्यालय द्वारा सतत् शिक्षा पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिये निवेश, जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जलवायु आपातकाल से निपटने हेतु कई प्रयास पहले से किये जा रहे हैं।
  • कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने वर्ष 2025 तक कार्बन न्यूट्रलिटी के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जबकि अमेरिकन विश्वविद्यालय और कोलगेट विश्वविद्यालय पहले ही कार्बन न्यूट्रल हो चुके हैं।
  • उच्च शिक्षण संस्थाओं द्वारा अभी तक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये किये गए सीमित प्रयासों पर चिंता व्यक्त की गई।
  • बैठक में वर्ष 2019 के अंत तक 10,000 से अधिक उच्च संस्थाओं द्वारा अपने नेतृत्व में सरकारों को जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु प्रोत्साहित करने की उम्मीद की गई है।

एलायंस फॉर सस्टेनेबिलिटी लीडरशिप इन एजुकेशन

(Alliance for Sustainability Leadership in Education)

  • इसे EAUC के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसमें कुल 2 मिलियन छात्र-छात्राएँ और लगभग 400,000 कर्मचारी शामिल हैं तथा इसका बजट 25 बिलियन डॉलर से अधिक है।
  • यह नेताओं, शिक्षाविदों और पेशेवरों को पर्यावरण के सतत् विकास में स्थिरता लाने में सहायता हेतु प्रेरित करता है।

सेकंड नेचर (Second Nature)

  • यह संस्थान उच्च शिक्षा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने वाली गतिविधियों में तेज़ी लाने का काम करता है।
  • यह संस्थान त्वरित जलवायु प्रतिबद्धताओं पर कार्य करने, कैंपस में जलवायु परिवर्तन के प्रयास को मापने और नवीन जलवायु परिवर्तन के प्रयासों को तैयार करने में उच्च शिक्षण संस्थानों की सहायता करता है।
  • यह संस्थान वैश्विक नेताओं के साथ तत्काल जलवायु परिवर्तन से निपटने की प्राथमिकताओं को रेखांकित करता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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