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सामाजिक न्याय

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2021

  • 20 Oct 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वैश्विक भुखमरी सूचकांक  2021, वैश्विक खाद्य सुरक्षा  सूचकांक 2021

मेन्स के लिये:

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक की प्रमुख विशेषताएँ

चर्चा में क्यों?

वैश्विक खाद्य सुरक्षा (GFS) सूचकांक 2021 में 113 देशों की सूची में भारत का 71वाँ स्थान है।

प्रमुख बिंदु

  •  सूचकांक के बारे में:
    • विकास:
      • GFS सूचकांक को लंदन स्थित इकोनॉमिस्ट इम्पैक्ट द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया और इसे कॉर्टेवा एग्रीसाइंस (Corteva Agriscience) द्वारा प्रायोजित किया गया था।
      • वर्ष 2021 में जारी GFSI सूचकांक का दसवाँ संस्करण है। इस सूचकांक को प्रतिवर्ष  प्रकाशित किया जाता है।
    • मापन:
      • यह निम्नलिखित के आधार पर खाद्य सुरक्षा के अंतर्निहित कारकों को मापता है:
        • सामर्थ्य
        • उपलब्धता
        • गुणवत्ता और सुरक्षा
        • प्राकृतिक संसाधन और लचीलापन
      • यह आय और आर्थिक असमानता सहित 58 अद्वितीय खाद्य सुरक्षा संकेतकों का आकलन करता है, वर्ष 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य में ज़ीरो हंगर की दिशा में प्रगति को तीव्र गति प्रदान करने के लिये प्रणालीगत अंतराल और आवश्यक कार्यों पर ध्यान आकर्षित करना होगा।
  • रिपोर्ट के प्रमुख परिणाम (भारत और विश्व):
    • शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले देश:
      • आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके, फिनलैंड, स्विट्ज़रलैंड, नीदरलैंड, कनाडा, जापान, फ्राँस और अमेरिका ने सूचकांक में 77.8 और 80 अंकों की सीमा में समग्र जीएफएस स्कोर के साथ शीर्ष स्थान साझा किया।
    • भारत का स्थान:
      • समग्र स्थिति: 113 देशों के GFS सूचकांक 2021 में भारत 57.2 अंकों के समग्र स्कोर के साथ 71वें स्थान पर है।
      • पड़ोसी देशों से तुलना: इस सूचकांक में भारत का प्रदर्शन पाकिस्तान (75वें स्थान), श्रीलंका (77वें स्थान), नेपाल (79वें स्थान) और बांग्लादेश (84वें स्थान) से बेहतर है लेकिन वह चीन (34वें स्थान) से पीछे है।
        • हालाँकि पिछले 10 वर्षों में समग्र खाद्य सुरक्षा स्कोर में भारत की प्रगतिशील वृद्धि पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से कम रही।
          • भारत का स्कोर केवल 2.7 अंक बढ़कर वर्ष 2021 में 57.2 हो गया, जो वर्ष 2012 में 54.5 था, यह पाकिस्तान की तुलना में 9 अंक (2021 में 54.7 और 2012 में 45.7 ) अधिक था।
        • फूड अफोर्डेबिलिटी कैटेगरी में पाकिस्तान ने भारत से बेहतर स्कोर किया, जबकि श्रीलंका इस श्रेणी में पहले से ही बेहतर स्थिति में है। शेष 3 बिंदुओं पर भारत ने पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से बेहतर स्कोर किया है।
  • चिंताएँ:
    • वर्ष 2030 तक ज़ीरो हंगर स्थिति प्राप्त करने के सतत् विकास लक्ष्य की दिशा में सात वर्षों की प्रगति के बाद लगातार दूसरे वर्ष वैश्विक खाद्य सुरक्षा में कमी आई है।
    • जबकि देशों ने पिछले दस वर्षों में खाद्य असुरक्षा को दूर करने की दिशा में पूर्ण प्रगति की है, खाद्य प्रणाली आर्थिक, जलवायु और भू-राजनीतिक गतिविधियों के प्रति संवेदनशील बनी हुई है।
  • सुझाव:
    • भूख और कुपोषण को समाप्त करने तथा सभी के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु स्थानीय, राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर कार्रवाई की जानी अनिवार्य है।
    • वर्तमान और उभरती भविष्य की इन चुनौतियों का सामना करने के लिये आवश्यक है कि खाद्य सुरक्षा में निवेश के साथ-साथ जलवायु अनुकूल फसल पैदावार में नवाचार से लेकर सबसे कमज़ोर लोगों की सहायता हेतु योजनाओं में निवेश को जारी रखा जाए।
  • सरकार द्वारा की गई पहलें:

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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