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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत की श्रम-सुधार एवं स्टार्टअप नीति की प्रशंसा

  • 10 Jul 2017
  • 5 min read

संदर्भ
जी20 देशों के समूह ने भारत की श्रम-सुधार एवं स्टार्टअप नीति की प्रशंसा की है। जी20 की हैम्बर्गकार्य योजना कहती है कि समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिये भारत श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये श्रम बाजार सुधार आरंभ करने के साथ-साथ श्रमशक्ति में महिला भागीदारी बढ़ाने और देश में व्यापार को आसान बनाने का भी प्रयास कर रहा है जो की प्रशंसनीय है। 

प्रमुख बिंदु

  • जी20 हैम्बर्ग एक्शन प्लान, जो मज़बूत, टिकाऊ, संतुलित और समेकित विकास को हासिल करने के लिये समूह की रणनीति को निर्धारित करता है, में कहा गया है कि जी20 सदस्यों द्वारा करीबी साझेदारी और कार्रवाई विश्वास को बढ़ावा देंगी और साझा समृद्धि में योगदान देंगी।
  • वैश्विक आर्थिक सुधार प्रगति एवं गति प्राप्त कर रहा है, निवेश में वृद्धि हुई है और व्यापार और विनिर्माण में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। हालाँकि इस वृद्धि की गति अभी भी वांछनीय रूप से कमज़ोर है तथा इसमें कुछ नकारात्मक जोखिम भी बने हुए हैं।
  • जी20 कार्य योजना के अनुसार कमज़ोर उत्पादकता वृद्धि, आय असमानता और आबादी की बढ़ती उम्र लंबी अवधि में विकास के लिये चुनौतियों का प्रतिनिधित्व करती है।
  • भारत में कारोबार को आसान बनाने लिये भारत अपनी वैश्विक रैंकिंग में सुधार करने की कोशिश कर रहा है। पिछले वर्ष विश्व बैंक ने भारत को 130 वां स्थान दिया था।
  • भारत का प्रयास है कि उसे व्यापार करने में आसानी के मामले में शीर्ष 50 देशों में स्थान दिया जाए। 

ख़राब प्रदर्शन वाले क्षेत्र

  • विश्व बैंक की रैंकिंग के अनुसार निम्न स्थानों पर भारत का प्रदर्शन खराब है-  व्यवसाय आरंभ करने में, निर्माण परमिट से निपटने में, संपत्ति दर्ज़ कराने में, करों का भुगतान करने में, सीमाओं के पार व्यापार करने में, अनुबंधों को लागू करने एवं दिवालियापन को हल करने में।
  • हालाँकि भारत ने हाल के महीनों में दिवालियापन, कराधान और व्यवसाय आरंभ  करने से संबंधित  सुधारों को एक सीमा तक लागू किया है, परन्तु इसमें आगे और भी सुधार की उम्मीद है।

स्टार्टअप इंडिया क्या है ?

  • स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नए विचारों के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर उत्पन्न हों।
  • स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पाँच साल से अधिक समय से पंजीकृत नहीं है और जिसका वार्षिक  कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है।
  • यह एक इकाई है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नए उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यावसायीकरण की दिशा में काम करती है।

श्रम कानूनों में सुधार

  • देश को मौजूदा कम उत्पादकता और कम वेतन वाली नौकरी की स्थिति से बाहर लाने के लिये श्रम कानूनों में उल्लेखनीय सुधार की आवश्यकता  है।
  • श्रम कानूनों में सुधार किये बिना मौजूदा बड़ी संख्या में श्रम कानूनों को चार प्रमुख कोड्स में एकीकृत करने से मकसद बहुत ज़्यादा पूरा नहीं होगा।
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली समिति 44 श्रम कानूनों को चार आसान कोड्स में बदलने पर विचार कर रही है जो औद्योगिक संबंध, मज़दूरी, सामाजिक सुरक्षा और कर्मचारी सुरक्षा से संबंधित होंगी।
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