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पेसमेकर में प्रयुक्त होने वाली कठोर बैटरी का प्रभावी विकल्प है कार्बनिक बैटरी

  • 16 Sep 2017
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ?

यूनाइटेड किंगडम स्थित क्वींस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों (भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक सहित) द्वारा एक लचीला और जैविक सुपर कैपिटर (super capacitor) बनाया गया है। इस सुपर कैपिटर को पेसमेकरों एवं अन्य मेडिकल प्रत्यारोपणों में प्रयोग की जाने वाली कठोर बैटरियों (rigid batteries) के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • इससे मरीजों के लिये प्रत्यारोपणों को अधिक से अधिक आरामदायक बनाया जा सकता है। 
  • इस लचीले डिवाइस को गैर-ज्वलनशील इलेक्ट्रोलाइट्स और कार्बनिक कंपोजिट से बनाया गया है, जो मानव शरीर के लिये पूरी तरह से सुरक्षित है। 
  • इसके आसानी से विघटित किया जा सकता है।
  • इस शोध को ‘एनर्जी टैक्नोलॉजी और ग्रीन केमिस्ट्री’ (Energy Technology and Green Chemistry) नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया। 
  • इस शोध में बताया गया कि परिष्कृत और महंगी धातुओं या अर्धचालकों के स्थान पर आसानी से उपलब्ध प्राकृतिक फीडस्टॉक (natural feedstock) का उपयोग करके इस डिवाइस का निर्माण किया जा सकता है। 
  • चिकित्सकीय उपकरणों जैसे- पेसमेकर (जिसे मनुष्य के हृदय में लगाया जाता है) और डिफिब्रिलेटर्स (इसमें धातु आधारित कठोर बैटरी का प्रयोग करते हुए त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित किया जाता है) दो ऐसे प्रत्यारोपण होते हैं, जिनमें इस डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • त्वचा के नीचे किये जाने वाले प्रत्यारोपण को वायर के माध्यम से उपकरण से जोड़ा जाता है जो कि रोगियों के लिये असुविधा का कारण बन सकते है।
  • यही कारण है कि इन चिकित्सकीय उपकरणों में प्रयुक्त होने वाली बैटरियों को मानव शरीर के अनुरूप तैयार किया जाना चाहिये ताकि रोगियों को अधिक से अधिक आराम प्रदान किया जा सके।
  • इस अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया है कि चिकित्सा की दुनिया में इसका कई मायनों में प्रयोग किया जा सकता है। जैविक भंडारण उपकरण पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के संबंध में भी समाधान प्रदान कर सकते है, जिससे यह अधिक लचीले बन सकते है।
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