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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

स्मार्ट कृषि के लिये किसान-ज़ोन

  • 02 Sep 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा ब्रिटेन की जैव प्रौद्योगिकी और जैव विज्ञान अनुसंधान परिषद (Biotechnology and Biological Sciences Research Council-BBSRC) और रिसर्च काउंसिल यू.के.- इंडिया (Research Councils UK-India) के साथ नई दिल्ली में (29 से 31 अगस्त 2017 तक) एक स्मार्ट कृषि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य किसान-ज़ोन (FarmerZone) के नाम से एक मंच तैयार करना था। 

किसान-ज़ोन ( FarmerZone )

  • किसान-ज़ोन स्मार्ट कृषि के लिये एक सामूहिक खुला-स्रोत डेटा मंच है, जो छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में सुधार के लिये जैविक अनुसंधान और डेटा का उपयोग करेगा। 
  • किसान-ज़ोन के बारे में यह कल्पना की गई है कि यह जलवायु परिवर्तन, मौसम की भविष्यवाणियों,  मिट्टी, पानी और बीज इत्यादि की जानकारियों के लिये किसान की सभी ज़रूरतों को पूरा करने में सहायता प्रदान करेगा।
  • किसान-ज़ोन को जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार किया गया है और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कृषि में प्रभावी फैसले लेने की मांग के साथ संगत है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और कृषि पारिस्थितिक तंत्र को एकीकृत करता है।
  • इस सम्मलेन के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग का उद्देश्य छोटे और सीमांत भूमि वाले किसानों की मदद करने के लिये तकनीकी सहायता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।
  • इस सम्मेलन में प्रत्येक कृषि-जलवायु क्षेत्र के समक्ष आने वाली चुनौतियों की पहचान की गई और वैज्ञानिक हस्तक्षेपों के माध्यम से संभावित समाधानों पर चर्चा की गई।
  • किसान-ज़ोन प्लेटफार्म किसानों और वैज्ञानिकों, सरकारी अधिकारियों, कृषि विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों और बड़े-डेटा एवं ई-कॉमर्स क्षेत्र में काम करने वाले वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधियों को प्रौद्योगिकी-आधारित स्थानीय कृषि समाधानों के लिये एक साथ जोड़ेगा।

खाद्य सुरक्षा

  • खाद्य सुरक्षा एक वैश्विक चिंता का विषय है और लाखों परिवारों की आजीविका छोटे पैमाने की कृषि पर निर्भर करती है। 
  • इस सम्मेलन में इस चुनौती को सामूहिक रूप से संबोधित करने का प्रयास किया गया और इस संदर्भ में भारत और उसके अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों की विशाल शोध-शक्ति का प्रदर्शन भी किया गया।

आगे की राह

  • यह सम्मेलन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र के किसानों, वैज्ञानिकों और व्यवसायियों से लेकर विभिन्न हितधारकों को एक साथ एक मंच पर लाया है, जो अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिये साझा प्रयास करेंगे और खेती के पारिस्थितिक तंत्र के समाधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिये। 
  • यह साझेदारी किसानों की समृद्धि बढ़ाने और कृषि की साझा वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने में अनुसंधान और नवाचार की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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