लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

केरल की तीसरी प्रमुख नदी का अस्तित्व संकट में

  • 08 Aug 2017
  • 2 min read

संदर्भ 
पम्पा नदी केरल की तीसरी प्रमुख नदी है। एक अध्ययन के अनुसार इसके नदी तटीय प्रणाली में गंभीर बदलाव के संकेत मिले हैं।

चर्चा में क्यों 

  • पम्पा परिरक्षण समिति के पर्यावरण संसाधन केंद्र ने यह गौर किया है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा पम्पा नदी के किनारों पर अनियंत्रित हस्तक्षेप तथा अंधाधुंध रेत-खनन के कारण पिछले दो दशकों में पम्पा की नदी तटीय प्रणाली में खतरनाक बदलाव आया है। 
  • पम्पा नदी बेसिन में पिछली गर्मियों के दौरान जनवरी से जून तक पानी की अभूतपूर्व कमी देखी गई थी। 
  • कुछ ऐसी ही स्थिति पम्पा और मनिमाला नदियों को जोड़ने वाली वरत्तार नदी के बेसिन में भी देखी गई है।                 
  • इसके अलावा, जून के प्रथम सप्ताह के दौरान चेंगन्नूर के कुछ हिस्सों में पम्पा का जल काले रंग का हो गया था।इतना ही नहीं, इस नदी के आसपास के लगभग सभी कुओं के पानी में कमी आई है। 
  • एक विशेषज्ञ दल द्वारा प्रस्तुत एक अध्ययन रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि अगर पम्पा नदी व्यवस्था के साथ ऐसी ही स्थिति जारी रही तो यह अगले 55 वर्ष तक ही जीवित रह पाएगी। 

कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य 

  • पम्पा नदी केरल में पेरियार और भरतपुझा के बाद तीसरी सबसे बड़ी नदी है।
  • इसकी लम्बाई 176 किलोमीटर है।  
  • केरल का प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर तीर्थ इसी नदी के तट पर स्थित है। 
  • पम्पा तुंगभद्रा नदी का प्राचीन नाम है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2