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शासन व्यवस्था

खदानों में महिलाओं के लिये रोज़गार के समान अवसर

  • 06 Feb 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने खान अधिनियम, 1952 (Mines Act, 1952) की धारा 83 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्‍त अधिकार का उपयोग करते हुए खान अधिनियम, 1952 की धारा 46 के प्रावधानों से महिलाओं को ज़मीन के ऊपर या ज़मीन के नीचे स्थित खदान में रोज़गार प्रदान करने की छूट दी है।

सरकार ने यह छूट निम्नलिखित शर्तों के तहत प्रदान की है-

  • ज़मीन के ऊपर स्थित किसी खदान में महिलाओं को रोज़गार देने के मामले में खदान का मालिक महिलाओं को रात्रि 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक की कार्य अवधि प्रदान कर सकता है।  जबकि ज़मीन के नीचे स्थित किसी खदान में रोज़गार देने के मामले में खदान का मालिक महिलाओं को प्रात: 6 बजे से सायं 7 बजे तक तकनीकी,  निरीक्षण और प्रबंधकीय कार्य सौंप सकता है जहाँ निरंतर उपस्थिति की आवश्‍यकता न हो।
  • दोनों ही तरह की खदानों में महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही की जाएगी।
  • ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्‍त सुविधाएँ, सुरक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • मुख्‍य खान निरीक्षक (Chief Inspector of Mines) द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedures) के क्रियान्‍वयन को ध्‍यान में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी।
  • एक शिफ्ट में कम-से-कम तीन महिलाओं को ड्यूटी दी जाएगी।

पृष्ठभूमि

  • खान अधिनियम, 1952 में ज़मीन के ऊपर या नीचे स्थित खदानों में महिलाओं को सायं 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक रोज़गार देना प्रतिबंधित  था।
  • विभिन्‍न महिला कामगार समूह, उद्योग जगत और इंजीनियरिंग एवं डिप्‍लोमा की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने सरकार से समय-समय पर यह मांग की थी कि खदानों में कार्य करने के लिये महिलाओं को भी रोज़गार के समान अवसर दिये जाने चाहिये। खनन कंपनियों ने भी इस संबंध में अनुरोध किया था।
  • श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) ने यह छूट खान अधिनियम, 1952 की धारा 12 के तहत गठित समिति की अनुशंसाओं तथा गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs), महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development), खान मंत्रालय (Ministry of Mines), कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum and Natural Gas) के परामर्श के आधार पर प्रदान की है।

स्रोत : पी.आई.बी.

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