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डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2020

  • 31 Dec 2020
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति द्वारा डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2020 (Digital India Awards 2020) का वितरण किया गया। 

प्रमुख बिंदु:

डिजिटल इंडिया अवार्ड:

  • डिजिटल-गवर्नेंस में अनुकरणीय पहलों/प्रथाओं को सम्मानित करने के लिये डिजिटल इंडिया पुरस्कार का गठन भारत के राष्ट्रीय पोर्टल (National Portal of India) के तहत किया गया है।
    • भारत का राष्ट्रीय पोर्टल: यह साइबर स्पेस के क्षेत्र में सरकारी सूचना और सेवाओं के लिये एकल बिंदु पहुँच की सुविधा प्रदान करने हेतु शुरू की गई एक फ्लैगशिप परियोजना है।
    • डिजिटल-गवर्नेंस: यह एक संगठन की डिजिटल उपस्थिति के लिये जवाबदेही, भूमिका और निर्णय लेने का अधिकार स्थापित करने हेतु एक फ्रेमवर्क है।
  • इसका संचालन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत कार्यरत 'राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र' (NIC) द्वारा किया जाता है।
  • यह पुरस्कार इससे पहले 5 सत्रों ( वर्ष 2009, 2012, 2014, 2016 और 2018) में प्रदान किया जा चुका है। इस पुरस्कार को शुरू में (वर्ष 2014 तक) ‘वेब रत्न पुरस्कार’ के रूप में जाना जाता था और वर्ष 2016 के सत्र से इसे ‘डिजिटल इंडिया अवार्ड’ का नाम दिया गया।

वर्ष 2020 के पुरस्कार:

  • सरकार द्वारा शुरू की गई 22 डिजिटल गवर्नेंस पहलों/उत्पादों को नवीन नागरिक-केंद्रित डिजिटल समाधानों के लिये डिज़ाइन तैयार करने और लागू करने तथा सभी नागरिकों के ईज़ ऑफ लिविंग में सुधार हेतु सात श्रेणियों में डिजिटल इंडिया अवार्ड 2020 प्रदान किये गए।
    •  इस वर्ष ‘महामारी में नवाचार पुरस्कार’ या इनोवेशन इन पैंडेमिक अवार्ड’ ('Innovation in Pandemic award’) नामक पुरस्कार की शुरुआत की गई। 
  • इस पुरस्कार के तहत स्वास्थ्य, श्रम, वित्त, सामाजिक न्याय और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में व्यापक डिजिटल उपस्थिति सुनिश्चित करने में अनुकरणीय पहल (जो सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान देते हैं) वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सम्मानित किया जाता है। 

उल्लेखनीय विजेता:

सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति: 

  • ई-कोर्ट परियोजना न्याय विभाग, NIC और ई-समिति द्वारा विकसित एवं कार्यान्वित भारत सरकार की एक मिशन मोड परियोजना है।
  • ई-कोर्ट सेवाओं की वेबसाइट, मोबाइल एप, एसएमएस सेवाओं के माध्यम से देश का कोई भी नागरिक किसी भी समय 3,293 अदालत परिसरों में चल रहे मामलों की स्थिति, मुकदमों की सूची आदि देख सकता है। 

आरोग्य सेतु:

  • यह भारत सरकार द्वारा विकसित एक मोबाइल एप है जो COVID-19 महामारी से निपटने के लिये लोगों को अतिअवाश्यक सेवाओं से जुड़ने में सहायता करता है। 
  • इस एप का उद्देश्य COVID-19 के जोखिम, सर्वोत्तम प्रथाओं और इससे संबंधित परामर्शों के संदर्भ में उपयोगकर्त्ताओं को सूचित करने तथा उन तक पहुँचने में भारत सरकार (विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग) की पहल को बढ़ावा देना है। 

ई-ऑफिस:

  • यह NIC द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत विकसित और कार्यान्वित एक मिशन मोड परियोजना है।
  • यह एक डिजिटल वर्कप्लेस सॉल्यूशन है। ई-ऑफिस का लक्ष्य सभी सरकारी कार्यालयों के लिये सरल, उत्तरदायी, प्रभावी और पारदर्शी कार्य प्रणाली की स्थापना करना है।

ई-संजीवनी

  • यह 'केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय' का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
  • इसके तहत दो प्रकार की टेलीमेडिसिन सेवाएँ सुनिश्चित की गई हैं। डॉक्टर-टू-डॉक्टर (ई-संजीवनी) और रोगी-से-डॉक्टर (ई-संजीवनी ओपीडी) टेली-परामर्श। 

बिहार सहायता मोबाइल एप: 

  • यह राज्य के बाहर फँसे हुए 21 लाख प्रवासी श्रमिकों के बैंक खातों में सीधे धनराशि स्थानांतरित करने की एक अभिनव पहल थी।

मध्य प्रदेश श्रम विभाग का प्रवासी श्रमिक और रोज़गार सेतु पोर्टल:

  • इस पोर्टल को कोरोनोवायरस महामारी के दौरान प्रवासियों और अन्य श्रमिकों की पहचान, उनके पंजीकरण, प्रशिक्षण तथा रोज़गार की सुविधा प्रदान करने के लिये सम्मानित किया गया है।

राज्य: 

  • हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने 'एक्सीलेंस इन डिजिटल गवर्नेंस - राज्य/केंद्रशासित प्रदेश’ श्रेणी के तहत पुरस्कार जीता।

स्रोत: पीआईबी

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