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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

5जी प्रौद्योगिकी को क्रियान्वित करने हेतु समिति का गठन

  • 27 Sep 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

  • सरकार ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय 5जी समिति गठित की। समिति को 2020 तक 5जी प्रौद्योगिकी क्रियान्वित करने के लिये रूपरेखा तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। यह समिति 5जी के दृष्टिकोण, मिशन और लक्ष्यों के संबंध में काम करेगी।
  • साथ ही सरकार 5जी से जुड़ी गतिविधियों के लिये 500 करोड़ रुपए का कोष सृजित करने पर भी काम कर रही है। यह कार्य मुख्य रूप से शोध और ‘उत्पाद विकास’ का होगा।

कैसे लाभदायक होगा 5जी?

  • 5जी तकनीक सेवाओं का आरंभ निम्न क्षेत्रों में सहायक साबित होगा-
    ⇒ अर्थव्यवस्था की वृद्धि
    ⇒ रोज़गार सृजन
    ⇒ अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण
  • विदित हो कि विश्व के अन्य देशों ने भी ऐसे फोरम शुरू कर दिये हैं इसलिये भारत भी 5जी की प्रतिस्पर्धा में शामिल हो गया है।
  • 5जी प्रौद्योगिकी के तहत सरकार का शहरी क्षेत्रों में 10,000 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) और ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 एमबीपीएस की गति से ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

समिति में शामिल सदस्य 

  • इस समिति में दूरसंचार, एलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव शामिल हैं। इस समिति में अन्य प्रख्यात विशेषज्ञ जैसे यूएसए के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमरेटस डॉ. ऐ. पॉलराज, यूएसए के सैण्डस्टोन स्थित साइकामोर नेटवर्क्स के चेयरमैन श्री गुरुराज देशपाण्डे आदि शामिल हैं।
  • साथ ही आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईएससी बेंगलुरु के प्रोफेसरों के साथ आईटी उद्योग और उद्योग संगठनों के कई प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

उच्च स्तरीय समिति का कार्यक्षेत्र 

  • 5जी इंडिया 2020 के लिये ध्येय और उद्देश्यों का निर्धारण।
  • 5जी इंडिया 2020 के लिये रोडमैप और कार्ययोजना का मूल्यांकन और अनुमति प्रदान करना।

उच्च स्तरीय समिति के मुख्य लक्ष्य

  • भारत में 5जी का त्वरित विकास सुनिश्चित करना।
  • अगले 5-7 वर्षों में भारत का 50% और विश्व का 10% बाज़ार हासिल करने के लिये विश्वस्तरीय उत्पादों के विकास एवं निर्माण के लिये पर्यावरण तंत्र तैयार करना।

आगे की राह

  • भारत में 5जी तकनीक एवं उत्पादों का विकास हो इसके लिये ऐसे 5जी स्टार्ट अप्स जो डिज़ाइन और निर्माण उद्योग की क्षमता का विकास करने में सक्षम हैं, को बढ़ावा देना होगा।
  • भारतीय कंपनियों को 5जी मानकों पर आधारित कुछ आवश्यक आईपीआर का सृजन करना होगा।
  • इसके अलावा 5जी पर आधारित चिपसेट का निर्माण करना होगा और इसके लिये बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता है।
  • भारत के तकनीकी इकोसिस्टम को उन्नत बनाने के लिये देश में उपयुक्त परीक्षणशालाओं का विकास करना होगा, ताकि भारत 5जी तकनीक में अग्रता हासिल कर सके।
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