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डेली न्यूज़

जैव विविधता और पर्यावरण

जलवायु आपातकाल

  • 04 Dec 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

यूरोपीय संघ, जलवायु आपातकाल, उत्सर्जन गैप रिपोर्ट

मेन्स के लिये

जलवायु परिवर्तन का मुद्दा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूरोपीय संघ ‘जलवायु आपातकाल’ (Climate Emergency) की घोषणा करने वाला पहला बहुपक्षीय गुट बन गया है।

Climate Emergency

प्रमुख बिंदु

  • यूरोपीय संघ के 429 सांसदों ने उस घोषणा के पक्ष में मतदान किया जो यूरोपीय संघ द्वारा वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में 55 प्रतिशत की कटौती करने और वर्ष 2050 तक ‘कार्बन न्यूट्रल’ बनने का आह्वान करता है। जबकि 225 सांसदों ने संकल्प के खिलाफ मतदान किया, वहीं अन्य 19 सदस्यों ने इस संकल्प पर मतदान करने से मना कर दिया।
  • यूरोपीय संघ के सांसदों ने यूरोपीय आयोग से वैश्विक तापन को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये सभी संबंधित विधायी और बजटीय प्रस्तावों को पूरी तरह सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
  • यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की वार्षिक उत्सर्जन गैप रिपोर्ट (Emission Gap Report) आने के कुछ दिनों बाद हुई है जिसमे बताया गया था कि 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को पूरा करने के लिये वर्ष 2030 तक वार्षिक उत्सर्जन में 7.6% की कटौती की जानी चाहिये।
  • इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2017 के निर्धारित 54 गीगाटन की तुलना में वर्ष 2018 में 55.3 गीगाटन ग्रीनहाउस गैसों (GHG) का उत्सर्जन किया गया।
  • यूरोपीय संघ के अलावा अर्जेंटीना, कनाडा जैसे देश एवं न्यूयॉर्क, सिडनी जैसे शहर भी जलवायु आपातकाल की घोषणा कर चुके हैं।

पेरिस समझौता और यूरोपीय संघ:

  • पेरिस समझौते के तहत यूरोपीय संघ का मौजूदा लक्ष्य वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में 40% की कटौती करके इसे वर्ष 1990 के स्तर पर लाना है।
  • इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme- UNEP) की हाल ही में जारी की गई ‘उत्सर्जन गैप रिपोर्ट (Emissions Gap Report)’ से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यूरोपीय संघ वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में 45% की कटौती करने की राह पर है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)

  • यह संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है। इसकी स्थापना वर्ष 1972 में मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान हुई थी।
  • इस संगठन का उद्देश्य मानव पर्यावरण को प्रभावित करने वाले सभी मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना तथा पर्यावरण संबंधी जानकारी का संग्रहण, मूल्यांकन एवं पारस्परिक सहयोग सुनिश्चित करना है।
    UNEP पर्यावरण संबंधी समस्याओं के तकनीकी एवं सामान्य निदान हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। UNEP अन्य संयुक्त राष्ट्र निकायों के साथ सहयोग करते हुए सैकड़ों परियोजनाओं पर सफलतापूर्वक कार्य कर चुका है।
  • इसका मुख्यालय नैरोबी (केन्या) में है।

यूरोपीय संघ के इस कदम का प्रभाव:

  • यूरोपीय संघ द्वारा जलवायु आपातकाल की यह घोषणा 2-13 दिसंबर, 2019 तक स्पेन में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में वैश्विक तापन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये अन्य राष्ट्रों को प्रेरित करेगी।
  • तेजी से मौसम में परिवर्तन, यूरोप में बाढ़ और ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग की घटनाएँ आदि मुद्दे कहीं-न-कहीं जलवायु परिवर्तन से जुड़े हैं जिनके तत्काल समाधान के लिये स्पेन में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में चर्चा की जाएगी।

स्रोत- डाउन टू अर्थ एवं द हिंदू

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