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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

शनि के चन्द्रमा “टाइटन” पर कैसिनी की भव्य उड़ान

  • 15 Sep 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों

गौरतलब है कि नासा के “कैसिनी” (Cassini) अंतरिक्ष यान शनि ग्रह के विशालकाय चन्द्रमा “टाइटन” की अंतिम व दूरस्थ उड़ान को पूरा कर चुका है। वस्तुतः मिशन के इंजीनियरों द्वारा अनौपचारिक रूप से इस दूरस्थ उड़ान को “द गुडबाय किस” (the goodbye kiss) की संज्ञा दी गई है| इसके पीछे कारण यह है कि इसकी यह उड़ान एक गुरुत्वाकर्षण नलिका (gravitational nudge) उपलब्ध कराती है जो अंतरिक्ष यान को शनि के ऊपरी वायुमंडल में एक नाटकीय अंत की ओर ले जाएगी|

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही, अंतरिक्ष यान का मिशन, ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश करने और विघटित होने के लिये पूरी तरह से तैयार है। 
  • माना जा रहा है कि अपने अंतिम समय में कैसिनी अत्यधिक आँकड़ों का प्रसारण करेगा, क्योंकि अनुमान है कि मृत होने से पूर्व ही इसकी पृथ्वी पर वापसी हो सकती है। 
  • हालाँकि, नासा को यह उम्मीद है कि अंतिम अवतरण से एकत्र किये गए आँकड़ों से वैज्ञानिक इस ग्रह के वायुमंडल और आतंरिक भाग के विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

पृष्ठभूमि

  • विदित हो कि वर्ष 1997 में लॉन्च हुआ ‘कैसिनी मिशन’ नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी का एक संयुक्त मिशन है। 
  • वर्ष 1997 से लेकर अब तक इसने चक्राकार ग्रह और इसके उपग्रहों से संबंधित कई अभूतपूर्व चित्र पृथ्वी पर भेजें हैं तथा उनके चन्द्रमाओं से संबंधित अनेक खोजें भी की हैं।

कैसिनी मिशन क्या है?

  • कैसिनी-ह्यूजेन्स (Cassini–Huygens) एक मानव रहित अंतरिक्ष यान है जिसे शनि ग्रह पर भेजा गया था। शनि ग्रह पर भेजा गया यह चौथा, जबकि इसकी कक्षा में प्रवेश करने वाला पहला अंतरिक्ष यान है। 
  • इसके डिज़ाइन में एक शनि ऑर्बिटर (Saturn orbiter) और इसके चन्द्रमा टाइटन के लिये एक लैंडर (lander) शामिल हैं। लैंडर (जिसे ह्यूजेन्स कहा गया है) को वर्ष 2005 में टाइटन पर उतारा गया था। 
  • इस अंतरिक्ष यान को 15 अक्टूबर, 1997 को लॉन्च किया गया था। बाह्य सौर मंडल में उतारा गया यह पहला अंतरिक्ष यान था। 

मिशन के उद्देश्य 

  • शनि ग्रह के छल्लों की त्रिविमीय आकृति और उनके गतिशील व्यवहार का निर्धारण करना।
  • उपग्रह की सतहों और पृथ्वी की प्रत्येक वस्तु के भू-वैज्ञानिक इतिहास के संगठन का निर्धारण करना।
  • आइपेटस (Iapetus) के अग्रणी गोलार्द्ध में उपस्थित काले पदार्थ (dark material) की उत्पत्ति और स्वरूप का निर्धारण करना।
  • चुम्बकीय क्षेत्र (magnetosphere) की त्रिविमीय संरचना और गतिशील व्यवहार का मापन करना।
  • बादलों के स्तर (cloud level) पर शनि ग्रह के वायुमंडल के गतिशील व्यवहार का अध्ययन करना।
  • टाइटन के बादलों और धूल के समय के साथ परिवर्तित होते स्वरूप का अध्ययन करना।
  • क्षेत्रीय स्केल पर टाइटन की सतह की विशेषताओं का अध्ययन करना।

मिशन की उपलब्धियाँ 

  • प्राप्त परिणामों से पता चला कि संभवतः शनि ग्रह के चन्द्रमा जीवन योग्य वातावरण उपलब्ध कराने वाले सौर मंडल के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में शामिल हैं।
  • हाल ही में, नासा ने भी यह घोषणा की है कि कैसिनी ने एनसीलाडस की बर्फीली सतह के नीचे होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का भी पता लगाया था, जिससे यह सिद्ध हुआ कि वहाँ जीवन संभव है। 
  • इस मिशन ने यह भी पाया कि शनि के चन्द्रमा टाइटन में भी पृथ्वी सदृश्य अनेक विशेषताएँ (जैसे-हवा, वर्षा और समुद्र) शामिल हैं।
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