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जोज़िला सुरंग को मंजू़री : लेह के दुर्गम मार्ग की नई राह

  • 04 Jan 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों? 

कैबिनेट समिति द्वारा श्रीनगर से लेह के दुर्गम सड़क मार्ग को आसान बनाने वाली रणनीतिक 'जोज़िला' सुरंग को मंजू़री प्रदान की गई है। सात वर्ष में पूरी होने वाली इस 14.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण पर 6,809 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा उक्त परियोजना को मंजू़री दे दी गई। 
  • जोज़िला सुरंग का निर्माण श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जोज़िला पास के नज़दीक किया जाएगा। 
  • यह पास समुद्र तल से 11,578 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। 

इसके क्या-क्या लाभ होंगे?

  • हर साल दिसंबर-अप्रैल के दौरान यहाँ इतनी भारी मात्रा में बर्फबारी व हिमस्खलन होता है कि लेह-लद्दाख क्षेत्र का जम्मू-श्रीनगर से संपर्क पूरी तरह कट जाता है। जोज़िला सुरंग का निर्माण होने के बाद इस मार्ग पर साल के 365 दिन चौबीसों घंटे वाहनों की आवा-जाही संभव हो सकेगी। 
  • पाकिस्तान सीमा से सटे होने के कारण यह सड़क रणनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। स्पष्ट रूप से इस सुरंग के निर्माण से सेना के लिये भी आसानी हो जाएगी।
  • इस सुरंग के निर्माण से श्रीनगर-‍कारगिल तथा लेह के बीच सभी मौसमों के दौरान संपर्क उपलब्‍ध रहेगा तथा इन क्षेत्रों में समग्र आर्थिक और सामाजिक-सांस्‍कृतिक एकीकरण की भी सुविधा रहेगी। इस परियोजना का कूटनीतिक तथा सामाजिक-आर्थिक महत्त्‍व है और यह जम्‍मू-कश्‍मीर में आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों के विकास का एक माध्‍यम होगी।

सुरंग की विशेषताएँ

  • यह भारत व एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग होगी। 
  • यह दो लेन वाली दोतरफा सिंगल ट्यूब सुरंग होगी जिसके समानांतर एक अन्य एंग्रेस सुरंग का निर्माण आपातस्थिति में राहत एवं बचाव कार्यो के लिये किया जाएगा। 
  • जोज़िला सुरंग पर अगले साल जून से काम शुरू होने की उम्मीद है।
  • परियोजना के निर्माण की अवधि 7 वर्ष है जो निर्माण के शुरूआत की तारीख से ही आंकी जाएगी।
  • परियोजना का उद्देश्‍य जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य में बालताल तथा मीनामार्ग के बीच पहुँच मार्गों को छोड़कर 14.200 किलोमीटर लम्‍बी समानांतर निकास सुरंग के साथ एकल ट्यूब वाली दो लेन की द्विदिशी 14.150 किलोमीटर लम्‍बी सुरंग का निर्माण करना है।

कार्यान्‍वयन कौन करेगा?

  • परियोजना का कार्यान्‍वयन राष्‍ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एन.एच.आई.डी.सी.एल.) के माध्‍यम से सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय (एम.ओ.आर.टी.एंड.एच.) द्वारा किया जाएगा। 

प्रभाव 

  • परियोजना का मुख्‍य उद्देश्‍य जम्‍मू तथा कश्‍मीर में सामरिक दृष्टि से महत्त्‍वपूर्ण लेह क्षेत्र को पूरे साल संपर्क प्रदान करना है, जो कि इस समय रास्‍तों पर बर्फ तथा हिमस्‍खलन के डर के कारण अधिक-से-अधिक 6 महीने तक ही सीमित है।
  • इस परियोजना से अन्‍य चालू परियोजनाओं यथा गगनगिर में 6.5 किलोमीटर लंबी ज़ेड-एमओआरएच सुरंग के साथ-साथ कश्‍मीर और लद्दाख के दो क्षेत्रों के बीच सुरक्षित, तीव्र तथा किफायती संपर्क सुनिश्चित होगा।
  • इससे परियोजना कार्य-कलापों में स्‍थानीय श्रमिकों के लिये रोज़गार की संभावना में और अधिक वृद्ध‍ि होगी।
  • परियोजना पूर्ण होने पर रोज़गार में भारी इज़ाफा होगा, क्‍योंकि स्‍थानीय व्‍यापार राष्‍ट्रीय बाज़ार से जुड़ जाएंगे और इस सुंदर क्षेत्र में पूरे साल पर्यटक यातायात उपलब्‍ध रहेगा।
  • इन क्षेत्रों में बहु-स्‍तरीय रोज़गार सृजित होगा।

जे़ड मोड सुरंग

  • इस बीच जम्मू-कश्मीर में इसी सड़क पर गगनगीर में 6.5 किलोमीटर जे़ड मोड सुरंग का निर्माण तेज़ी से हो रहा है। 
  • इन दोनो सुरंगों के पूरा होने के बाद कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों का आपस में बारहमासी सड़क संपर्क शुरू हो जाएगा। 
  • दोनो परियोजनाओं से क्षेत्र के आर्थिक विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
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