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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अल्ज़ाइमर के उपचार का एक नया विकल्प

  • 17 May 2017
  • 4 min read

संदर्भ
भारतीय मूल के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एक नए पदार्थ को विकसित किया है| इस पदार्थ की सहायता से मस्तिष्क की कोशिकाओं का विकास होगा जिससे प्रेडिक्टेबल सर्किट (predictable circuit) बनेंगे| इस प्रकार यह तंत्रिका प्रत्यारोपण के विकास में सहायता करेगा|

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रकार के प्रत्यारोपण से ऐसे मस्तिष्क को ठीक किया जा सकता है जो किसी दुर्घटना, प्रहार या अपक्षयी तंत्रिका संबंधी रोग जैसे- अल्ज़ाइमर और पार्किंसन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया हो|
  • ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी की एक टीम ने मस्तिष्क की कोशिकाओं का विकास एक चिप (अर्धचालक वेफर जिसे सूक्ष्म तारों से जोड़ा गया था) पर किया जिन्होंने कोशिकाओं के विकास के लिये एक माध्यम के तौर पर कार्य किया|
  • इस माध्यम के कारण मस्तिष्क की कोशिकाओं के विकास और उनके एक-दूसरे से जुड़े रहने के कारणों का पता लगाने में सहायता मिली|
  • एक विशेष प्रकार की सूक्ष्म तारों युक्त ज्यामिति का उपयोग करके अनुसंधानकर्ताओं ने यह दिखाया कि तंत्रिकाएँ आपस में जुड़ी हुई हैं तथा वे क्रियात्मक सर्किटों का निर्माण करती हैं|
  • यह प्रोजेक्ट न्यूरोप्रोस्थेटिक (neuro prosthetics) के विकास के मार्ग खोल सकता है जो मस्तिष्क को किसी दुर्घटना, प्रहार और अपक्षयी तंत्रिका संबंधी रोग के पश्चात पुनः ठीक करने में सहयता कर सकता है|
  • यह ऐसा पहला अध्ययन है जिसने यह दर्शाया है कि सूक्ष्म तारों पर विकसित किये गए तंत्रिका संबंधी सर्किट क्रियात्मक थे और एक -दूसरे से जुड़े हुए थे| 
  • शोधकर्ताओं को आशा थी कि वे चिप पर रखे गए इस मस्तिष्क का उपयोग यह पता लगाने के लिये कर सकते हैं कि मस्तिष्क में तंत्रिकाएँ किस प्रकार कंप्यूटिंग सर्किट का निर्माण करती हैं तथा अन्तः प्रक्रियाओं की जानकारी देती हैं|
  • कृत्रिम अंग जैसे अन्य प्रोस्थेटिक्स के विपरीत तंत्रिकाओं को मज़बूती से जुड़ना आवश्यक होता है जो संवेदी, अनुभूति, सीखने और स्मृति के दौरान मस्तिष्क में जाने वाली सूचनाओं का आधार बनती है|

न्यूरोप्रोस्थेटिक क्या है?

  • न्यूरोप्रोस्थेटिक तंत्रिका विज्ञान और जैव चिकित्सकीय अभियांत्रिकी से संबंधित है| इसे न्यूरल प्रोस्थेटिक भी कहा जाता है, जिसका उद्देश्य न्यूरल प्रोस्थेसेस का विकास करना है|
  • कभी-कभी उन्हें मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस (brain-computer interface) के विपरीत भी माना जाता है| मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस मस्तिष्क को किसी उपकरण के स्थान पर कंप्यूटर से जोड़ता है तथा अनुपस्थित जैवीय कार्यक्षमता को प्रतिस्थापित कर देता है|
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