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वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल ने जारी की 11 देशों की सूची

  • 04 Jan 2019
  • 4 min read

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हाल ही में वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल (Financial Action Task Force-FATF) ने पाकिस्तान और श्रीलंका सहित 11 ऐसे देशों की पहचान की है, जो धन-शोधन रोधी (Anti-Money Laundering-AML) उपायों तथा आतंकवाद के वित्तपोषण (Combating of Financing of Terrorism-CFT) का मुकाबला करने में रणनीतिक रूप से कमज़ोर हैं।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ अन्य नौ क्षेत्राधिकार इस प्रकार हैं- बहामा, बोत्सवाना, इथियोपिया, घाना, सर्बिया, सीरिया, त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य, ट्यूनीशिया तथा यमन।
  • वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल (FATF) ने अपने सदस्यों और अन्य क्षेत्राधिकारों से कहा है कि वे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को कोरिया से आने वाले धन-शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण (ML/FT) जोखिम से बचाने के लिये उपाय लागू करें।
  • वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल की निर्णय लेने वाली संस्था, FATF प्लेनरी (FATF Plenary) वर्ष में तीन बार बैठक करती है और इन विवरणों को अपडेट करती है।
  • पाकिस्तान के संदर्भ में वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल के अनुसार, जून 2018 में पाकिस्तान ने धन-शोधन रोधी (Anti-Money Laundering-AML) उपायों तथा आतंकवाद के वित्तपोषण (Combating of Financing of Terrorism-CFT) से मुकाबला करने और अपने रणनीतिक आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण संबंधी कमियों को दूर करने के लिये उच्चस्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धता तय की थी। पाकिस्तान विभिन्न उद्देश्यों हेतु अपनी कार्ययोजना को लागू करने के लिये काम करेगा।
  • हालाँकि सभी देशों की स्थितियाँ अलग-अलग हैं फिर भी सबने चिह्नित कमियों को दूर करने के लिये एक उच्च स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धता तय की है। वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल द्वारा अभी तक कई अधिकार क्षेत्रों की समीक्षा नहीं की गई है।

क्या है वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल?

  • वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल वर्ष 1989 में जी-7 की पहल पर स्थापित एक अंतः सरकारी संस्था है। इसका उद्देश्य ‘टेरर फंडिंग’, ‘ड्रग्स तस्करी’ और ‘हवाला कारोबार’ पर नज़र रखना है। इसका मुख्यालय फ्राँस के पेरिस में है।

क्यों महत्त्वपूर्ण है वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल?

  • वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल किसी देश को निगरानी सूची में डाल सकता है। निगरानी सूची में डाले जाने के बावजूद यदि कोई देश कार्रवाई न करे तो उसे ‘खतरनाक देश’ घोषित कर सकता है।
  • उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम और अमेरिका जैसे देश इसकी रिपोर्ट का कड़ाई से पालन करते हैं।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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