अदम गोंडवी: संवेदना का विद्रोही स्वर
21 Oct, 2022समाज के संचालन के लिए संवेदना ज़रूरी शर्त है। भौतिक प्रगति के साथ, हमने सबसे मूल्यवान जो चीज़ खोई है, वह है संवेदनशीलता। व्यवस्था से जोंक की तरह चिपके हुए लोग, आख़िर संवेदनहीन...
समाज के संचालन के लिए संवेदना ज़रूरी शर्त है। भौतिक प्रगति के साथ, हमने सबसे मूल्यवान जो चीज़ खोई है, वह है संवेदनशीलता। व्यवस्था से जोंक की तरह चिपके हुए लोग, आख़िर संवेदनहीन...
एक बच्चा जिसने महज 12 वर्ष की उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया है और उसे दो जून की रोटी के लिये बूचड़खाने में काम करना पड़ रहा है, उस बच्चे में लिखने का ऐसा जुनून है कि वो 13 बरस...
अंग्रेज़ भारत छोड़ने वाले थे, हिंदी साहित्य की विषयवस्तु उस दरमियाँ यथार्थवादी हो चुकी थी और यह अपनी कथावस्तु व कथन के माध्यम से तो देश के युवाओं को अंग्रेज़ों के खिलाफ़ चेता...
सरलता और सादगी की मिसाल भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुग़लसराय के रामनगर में एक साधारण परिवार में हुआ। वे...
2 अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती है। आज गांधी होते तो 153 वर्ष के हो गए होते। इतने लंबे वक्त तक जिंदा रहना तो बेहद कठिन है लेकिन जन के मन में गांधी आज भी जिंदा हैं। 30 जनवरी 1948...
वर्ष 1901 की बात है जब भारत की तत्कालीन राजधानी कलकत्ता (आधुनिक कोलकाता) में भारतीय राजनीति के दो शिखर पुरूष भारत के हालातों के बारे में चर्चा कर रहे थे। एक शिक्षक-पत्रकार, दूर...
यह वर्ष 1921 की बात है जब मैसूर के महाराजा कॉलेज के भव्य सभागार के बाहर फूलों से सजी-धजी एक बग्घी खड़ी हुई थी। इस बग्घी के चारों ओर छात्रों का विशाल हुजूम उमड़ा हुआ था। इस बग्घी को...
शीत युद्ध का शांतिपूर्ण अंत करने वाले पूर्व सोवियत राष्ट्रपति मिख़ाइल गोर्बाचेव का 30 अगस्त को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। गोर्बाचेव ने 1985 में सत्ता संभाली और सुधारों...
आगरा जिले के एक गुजराती परिवार में जन्मे अमृत लाल नागर, आर्थिक परिस्थितियों की वजह से मैट्रिक के आगे पढ़ाई न कर सके। हालाँकि इनको पढ़ाई से बहुत अनुराग था इसलिये इन्होंने...
गतसप्ताह, 21 जुलाई को, द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया। भारत के राजनीतिक इतिहास की यह एक महत्वपूर्ण घटना और भारत के संवैधानिक लोकतंत्र को...