वैज्ञानिक सी. वी. रमण: भारत में आधुनिक विज्ञान के अग्रणी
28 Nov, 2022प्रतिभाएँ किसी जगह की मोहताज नहीं हुआ करती हैं। अठारहवीं-उन्नीसवीं शताब्दी साम्राज्यवादी देशों के अतिशय लूट का गवाह बनीं। इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि शिक्षा व तकनीकी का...
प्रतिभाएँ किसी जगह की मोहताज नहीं हुआ करती हैं। अठारहवीं-उन्नीसवीं शताब्दी साम्राज्यवादी देशों के अतिशय लूट का गवाह बनीं। इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि शिक्षा व तकनीकी का...
प्रगतिशील कविता और नई कविता के मध्य सेतु गजानन माधव 'मुक्तिबोध' का जन्म 13 नवंबर, 1917 को तात्कालिक मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले में स्थित श्यौपुर कस्बे में हुआ था।...
“स्कूल प्रयोगशालाएं हैं जो देश के भावी नागरिक तैयार करती हैं।” उपरोक्त दूरदर्शी कथन भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का है। आज़ाद, स्वतंत्र भारत के...
एक आदमीरोटी बेलता हैएक आदमी रोटी खाता हैएक तीसरा आदमी भी हैजो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता हैवह सिर्फ़ रोटी से खेलता हैमैं पूछता हूँ--'यह तीसरा आदमी कौन है ?'मेरे देश की संसद...
“एक गाँव ने मुझे जन्म दियाएक धक्के ने शहर में फेंक दियाशहर ने कविता में उछाल कर मुझे कहीं का नहीं रक्खा।” हिंदी साहित्य के ठेठ कवि चंद्रकांत देवताले ने एक साक्षात्कार...
टाटा फंडामेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक शिक्षक छात्रों को परमाणु ऊर्जा के बारे में समझा रहा था। इतने में ही इस शिक्षक के निजी सहायक उन्हें धीरे से बुलाते है और कान में...
सामान्य परिचय साहित्य की दुनिया में ख्याति प्राप्त मृदुला गर्ग 25 अक्टूबर 1938 को कलकत्ता में जन्मीं। शुरुआती तीन वर्षों तक उनका बचपन कलकत्ता में बीता, इसके पश्चात उनका...
समाज के संचालन के लिए संवेदना ज़रूरी शर्त है। भौतिक प्रगति के साथ, हमने सबसे मूल्यवान जो चीज़ खोई है, वह है संवेदनशीलता। व्यवस्था से जोंक की तरह चिपके हुए लोग, आख़िर संवेदनहीन...
एक बच्चा जिसने महज 12 वर्ष की उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया है और उसे दो जून की रोटी के लिये बूचड़खाने में काम करना पड़ रहा है, उस बच्चे में लिखने का ऐसा जुनून है कि वो 13 बरस...
अंग्रेज़ भारत छोड़ने वाले थे, हिंदी साहित्य की विषयवस्तु उस दरमियाँ यथार्थवादी हो चुकी थी और यह अपनी कथावस्तु व कथन के माध्यम से तो देश के युवाओं को अंग्रेज़ों के खिलाफ़ चेता...