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  • 02 Jul 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज

    भीड़ की हिंसा न केवल कानून और व्यवस्था का अधिग्रहण कर लेती है, बल्कि एक समाज के इतिहास और नागरिक मूल्यों को भी कलंकित करती है। टिप्पणी कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण

    • हाल में हुई मॉब लींचिग की घटनाओं के बारे में संक्षिप्त में बताइये।

    • मॉब लींचिग से जुड़े मुद्दों, जैसे- कानून-व्यवस्था, अधिकारों का हनन, भारत की बहुलतावादी संस्कृति।

    • आगे की राह सुझाइये।

    परिचय:

    • मॉब लींचिग की घटना से तात्पर्य भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति को मिथ्या अथवा किसी भी आरोप के कारण शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर उसकी हत्या किये जाने से है।

    हालाँकि इन घटनाओं का कुछ भी कारण हो सकता है परंतु हाल ही में गौमांस, बच्चों के अपहरण की अफवाह, झारखंड में डायन का आरोप लगाकर महिलाओं की हत्या आदि घटनाएँ प्रकाश में आई हैं।

    प्रमुख बिंदु:

    कारण:

    • कानून व्यवस्था की लचर स्थिति मॉब लींचिग की घटनाओं को रोकने में विफल रहने का प्रमुख कारण है। पुलिस द्वारा समय पर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई में विफल रहने के कारण जन-आव्रोश में वृद्धि होती है।
    • सोशल मीडिया पर अफवाहों के प्रसार को रोकने में विफलता।
    • जनजागरूकता का अभाव होना। सामान्यत: जनता जल्दी ही फेक न्यूज पर विश्वास कर उग्र हो जाती है।
    • पुलिस कार्यप्रणाली में सुधारों का अभाव व राजनीतिक हस्तक्षेप।

    मॉब लींचिग से संबंधित चिंताएँ:

    • इस प्रकार की घटनाएँ भारत की बहुलतावादी व विविधतापूर्ण सांस्कृतिक पहचान की छवि को धूमिल करती हैं।
    • अल्पसंख्यकों, दलितों के प्रति पूर्वाग्रह के कारण सामाजिक संरचना के नष्ट होने का खतरा बना रहता है।
    • भारत के संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों व कानून व्यवस्था के उल्लंघन के कारण इस प्रकार की घटनाएँ राज्य प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं और उसकी विश्वसनीयता पर भी संदेह उत्पन्न करती हैं।
    • इस प्रकार की घटनाएँ देश के धर्मनिरपेक्ष ढाँचे, विधि के समक्ष समानता, अनेकता में एकता वाली छवि को हानि पहुँचाती हैं।

    आगे की राह:

    • उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गए निर्णय के अनुसार, संसद को मॉब लींचिग के विरुद्ध कानून बनाना चाहिये।
    • न्यायालय ने कहा कि भीड़ की हिंसा को रोकने के लिये डी.एस.पी. रैंक के अधिकारी की नियुक्ति की जाए और इन दोनों अनुशंसाओं को त्वरित रूप से लागू किया जाना चाहिये।
    • इस प्रकार की घटनाओं के विरुद्ध जन जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिये।
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