उत्तर प्रदेश Switch to English
जीएसटी संग्रह में मेरठ शीर्ष पर
चर्चा में क्यों?
अप्रैल 2025 में उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़ोन ने राज्य कर विभाग के अंतर्गत जीएसटी संग्रह में पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
मुख्य बिंदु
- जीएसटी संग्रह के बारे में:
- प्रदेश में लखनऊ का कॉरपोरेट सर्किल मुख्यालय दूसरे स्थान पर रहा। जबकि तीसरे, चौथे और पाँचवें स्थान पर क्रमशः गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ द्वितीय जोन और बरेली ज़ोन रहे।
- राज्य कर विभाग के पोर्टल के अनुसार, अप्रैल 2024 में मेरठ ज़ोन द्वारा 147.34 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह किया गया था, जबकि अप्रैल 2025 के लिये 287.08 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
- मेरठ ज़ोन ने इस वर्ष अप्रैल में 211.87 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह कर लक्ष्य का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त किया।
- आबकारी विभाग ने भी राजस्व में उल्लेखनीय योगदान दिया, जहाँ अप्रैल 2025 में शराब बिक्री से 103 करोड़ रुपए की आय हुई, जो पिछले वर्ष (अप्रैल 2024) में प्राप्त 78.96 करोड़ रुपए की तुलना में 42.04 करोड़ रुपए अधिक है।
- यह सफलता बढ़ती टैक्स अनुपालना, व्यापारियों की जागरूकता, आईटीसी नियमों में सुधार तथा डिजिटल निगरानी व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण से संभव हो पाई है।
- टेलीकम्युनिकेशन, निर्माण, शिक्षा और सेवा क्षेत्र जैसे उद्योगों के विस्तार ने इस संग्रह को गति दी है।
वस्तु एवं सेवा कर:
- परिचय: GST एक मूल्य वर्द्धित कर प्रणाली है, जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।
- यह एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है, जिसे 1 जुलाई, 2017 को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से 'एक राष्ट्र एक कर' के नारे के साथ भारत में लागू किया गया था।
- GST के लाभ:
- सरलीकृत कर व्यवस्था: GST ने कई अप्रत्यक्ष करों को प्रतिस्थापित कर दिया, जिससे अनुपालन आसान हो गया और व्यवसायों के लिये कागज़ी कार्रवाई कम हो गई।
- पारदर्शिता में वृद्धि: ऑनलाइन GST पोर्टल कर प्रशासन को सरल बनाता है और प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
- कर का बोझ कम होना: व्यापक करों के समाप्त होने से कीमतें कम होने से उपभोक्ताओं को लाभ होता है।
- आर्थिक विकास को बढ़ावा: कर बाधाओं को दूर करके और दक्षता में सुधार करके, GST से उच्च आर्थिक विकास तथा रोज़गार सृजन में योगदान की उम्मीद है।
- GST परिषद: GST परिषद एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में GST के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279A (1) के अनुसार, GST परिषद का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया गया था।