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राजस्थान

विश्व एंटीमाइक्रोबियल जागरूकता सप्ताह 18 से 24 नवंबर तक

  • 19 Nov 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2022 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने जयपुर स्थित अपने राजकीय आवास से गुब्बारे उड़ाकर वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक (18 से 24 नवंबर) का शुभारंभ किया और रोगाणुरोधी प्रतिरोध के जागरूकता पोस्टर का विमोचन भी किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस कार्यक्रम का आयोजन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं इस कार्यक्रम के डेवलपमेंट पार्टनर पाथ के सहयोग से किया जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि आमजन में रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति जागरूकता लाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक कैम्पेन के रूप में प्रदेश में 18 से 24 नवंबर तक वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस अवेयरनेस वीक का आयोजन किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वर्ष की थीम ‘प्रिवेंटिव एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस टूगेदर’निर्धारित की गई है।
  • इस अवसर पर परसादी लाल मीणा ने प्रदेशवासियों से अपील की कि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिये अपने आसपास स्वच्छता रखें तथा गुणवत्तायुक्त स्वच्छ पौष्टिक भोजन का सेवन करें। ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना’ के तहत सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में सभी प्रकार की आईपीडी एवं ओपीडी सेवाएँ प्रदेशवासियों के लिये नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
  • उन्होंने बताया कि इस सप्ताह के दौरान रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिये प्रदेश भर में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। प्रदेशस्तरीय कार्यक्रमों के साथ-साथ ज़िलास्तर पर क्विज़ और शपथ कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, ताकि लोग एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस के प्रति जागरूक हों।
  • एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस या रोगाणुरोधी प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रोग पैदा करने वाले रोगाणु, जैसे- बैक्टीरिया, वायरस, फंजाई तथा पैरासाइट्स दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं। आम बोलचाल की भाषा में किसी सूक्ष्मजीव (वायरस, बैक्टीरिया आदि) के संक्रमण के ईलाज के लिये प्रयुक्त होने वाली दवा के प्रति उस सूक्ष्मजीव द्वारा प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेना ही एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस है। इसके परिणामस्वरूप मानक उपचार अप्रभावी या कम असरदार रहते हैं तथा इससे बीमारी के फैलने तथा मृत्यु की संभावना रहती है। दवाओं के कम प्रभावी रहने से यह संक्रमण शरीर में बना रह जाता है तथा दूसरों में फैलने का खतरा बरकरार रहता है। इससे इलाज की लागत बढ़ती है तथा मृत्युदर में इजाफा होने की संभावना बनी रहती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस को वैश्विक स्वास्थ्य के लिये शीर्ष 10 खतरों में से एक के रूप में पहचाना है। ग्लोबल एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस सर्विलांस सिस्टम के डाटा के अनुसार महत्त्वपूर्ण एंटीमाइक्रोबियल के प्रति प्रतिरोध क्षमता में वैश्विक स्तर पर इजाफा हो रहा है।
  • एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस फ्री राजस्थान के लिये राजस्थान सरकार द्वारा ऐतिहासिक कदम उठाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इस सप्ताह के दौरान सोशल मीडिया पर भी विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।      
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