इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


राजस्थान

राजस्थान विधानसभा में विभिन्न विधेयक पारित

  • 18 Sep 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

17 सितंबर, 2021 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक तथा एमबीएम विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक सहित कई विधेयकों को पारित कर दिया।

प्रमुख बिंदु

  • पारित किये गए विधेयकों में राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक, एमबीएम विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक, 2021, राजवित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (संशोधन) विधेयक, 2021 तथा रजिस्ट्रीकरण (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2021 शामिल हैं। 
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 की सेवाओं के लिये राज्य की समेकित निधि में कतिपय और राशियों के संदाय और विनियोजन को प्राधिकृत करने के लिये राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2021 लाया गया था।
  • इस विधेयक के पारित होने से 3163.26 करोड़ रुपए की राशि संदत्त और उपयोजित की जा सकेगी।
  • उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि एमबीएम इंजीनियरिग कॉलेज जोधपुर को विश्वविद्यालय बनाने से मारवाड़ क्षेत्र में उच्च शिक्षा का प्रसार करने में मदद मिलेगी। यह विश्वविद्यालय बहु विधा वाला होगा और यहाँ इंजीनियरिंग एवं तकनीकी शिक्षा पहले की तरह ही संचालित होती रहेगी।
  • संसदीय मामलों के मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न शर्तें लगाने की वजह से राजस्थान राजवित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (संशोधन) विधेयक, 2021 लाया गया है।
  • धारीवाल ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में बताया कि वर्ष 2020-21 के बजट अनुमानों के अनुसार राजस्थान सरकार का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.98 प्रतिशत है। वहीं केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6 फीसदी से अधिक है।
  • राजस्थान विधानसभा ने एक अन्य महत्त्वपूर्ण विधेयक रजिस्ट्रीकरण (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2021 को भी ध्वनिमत से पारित किया।
  • इसके पारित होने के बाद अब पावर ऑफ अटॉर्नी देने वाले की मृत्यु होने पर उसकी संपत्ति का दुरूपयोग रूकेगा। इसमें अब जिस दिन पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई थी, उस दिन का जीवित प्रमाण-पत्र भी रजिस्ट्री के समय देना होगा। इससे यह पता चलेगा कि यह पावर ऑफ अटॉर्नी सही है या नहीं।
  • धारीवाल ने बताया कि एक वर्ष से कम की अवधि के पट्टों के पंजीकरण में आमजन को अब परेशानी नहीं होगी। इस तरह के पंजीकरण अब ऑनलाइन भी होंगे। आमजन को सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाना नहीं पड़ेगा।
  • किरायेनामे के पंजीकरण से किरायेदारों का पंजीकरण भी स्वत: ही होगा। इससे उनकी पहचान हो सकेगी। किरायेनामे सहित अन्य तरह से अचल संपत्ति के विवाद भी कम होंगे।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2