उत्तराखंड
उत्तराखंड में ग्रीन टैक्स आरोपित
- 27 Oct 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड सरकार दिसंबर 2025 से अन्य राज्यों से राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूलना शुरू करेगी।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य:
- इस निर्णय का उद्देश्य वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करना, संवेदनशील हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा करना और पूरे राज्य में पर्यावरणीय स्वच्छता को बढ़ावा देना है।
- प्रणाली और तकनीक:
- स्वचालित कर संग्रह प्रणाली राज्य के प्रवेश बिंदुओं पर स्थापित स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरों का उपयोग करेगी, ताकि आने वाले वाहनों की पंजीकरण संख्या प्राप्त की जा सके।
- एकत्र डेटा को राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) डेटाबेस में स्थानांतरित किया जाएगा, जहाँ सत्यापन के बाद, लागू कर राशि स्वचालित रूप से वाहन मालिक के भुगतान वॉलेट से कटकर परिवहन विभाग के खाते में जमा कर दी जाएगी।
- छूट:
- उत्तराखंड में पंजीकृत वाहन, सरकारी वाहन, इलेक्ट्रिक और CNG वाहन, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड ट्रक तथा दो-पहिया वाहन ग्रीन टैक्स से मुक्त रहेंगे, इसके अतिरिक्त 24 घंटे के भीतर पुनः राज्य में प्रवेश करने वाले वाहन से भी पुनः शुल्क नहीं लिया जाएगा।
ग्रीन टैक्स
- "ग्रीन टैक्स" एक वित्तीय कर है, जो सरकार द्वारा उन वाहनों या स्रोतों पर लगाया जाता है, जो पर्यावरण प्रदूषण, विशेष रूप से वाहनों से होने वाले उत्सर्जन से होने वाले वायु प्रदूषण में योगदान करते हैं।
- यह कर अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के उपयोग को रोकने के साथ-साथ पारिस्थितिकीय पहलों के लिये राजस्व स्रोत के रूप में भी कार्य करता है।