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मध्य प्रदेश

सुराज नीति-2023

  • 08 Feb 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

7 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा अनुसार ‘शासकीय भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उपलब्ध भूमि पर आवासहीन, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिये आवास निर्माण के लिये सुराज नीति-2023 का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदन कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • ज़िला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिये सुराज कॉलोनी में आवास निर्माण मय आवश्यक अधो-संरचना कार्यों, सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने तथा सुराज कालोनी के निर्माण के लिये उचित वित्तीय संसाधन जुटाने तथा शहरी क्षेत्र के उक्त भू-खंडों का सुसंगत योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिये यह नीति तैयार की गई है।
  • इस नीति का उद्देश्य बिना शासकीय बजटीय सहायता के पुनर्घनत्वीकरण नीति के अनुरूप सुराज कॉलोनी के तहत ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के आवासहीनों को किफायती आवास प्रदान करना और अतिक्रमण से मुक्त की गई भूमि का शहर के विकास के लिये सर्वोत्तम उपयोग करना है।
  • इस नीति के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
  • एक अप्रैल 2020 के बाद अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि पर आवासहीन तथा आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिये आवास निर्माण की योजना।
  • अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि का एक टुकड़ा निजी डेवलपर को सौंपा जाएगा, जिसके बदले और शेष भूमि में ईडब्ल्यूएस आवास के लिये सुराज टावर बनेगा।
  • निजी डेवलपर को दिये जाने वाले भू-खंड के आरक्षित मूल्य की गणना लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की स्थापित नीति के अनुसार खुली निविदाओं के आधार पर की जाएगी।
  • छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी के स्थान पर 450 वर्ग फीट तक के आवासीय पट्टे पर कॉलोनी विकसित किये जा सकेंगे।
  • परियोजना में सुराज कॉलोनी के लिये समस्त आवश्यक अधो-संरचना जैसे सड़क, जल-प्रदाय, बिजली, बगीचा, सामुदायिक भवन और आवश्यकता होने पर स्कूल एवं डिस्पेंसरी भी बना कर दी जाएगी।
  • निर्माण होने के बाद इकाइयों का आवंटन कमज़ोर आय वर्ग के आवासहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता एवं फार्मूले के आधार पर ज़िला स्तर पर किया जाएगा।
  • विशेष परिस्थितियों में झुग्गी बस्तियों का पुनर्वास तथा शासकीय परियोजनाओं जैसे सड़क इत्यादि में आवश्यकता होने पर पुनर्वास भी किया जा सकता है।
  • योजना के क्रियान्वयन के लिये अन्य सभी प्रक्रियाएँ राज्य में स्थापित रिडेंसीफिकेशन नीति 2022 के अनुसार रहेंगी।
  • सुराज टावर कॉलोनी निर्माण के बाद अगले 5 सालों तक डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के अंतर्गत विकास और 3 वर्ष तक कॉलोनी का रख-रखाव संचालन एवं मरम्मत का दायित्व निजी डेवलपर का रहेगा।
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