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मध्य प्रदेश

राज्यों के परिवहन मंत्रियों की कार्यशाला गोवा में संपन्न

  • 06 Dec 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

5 दिसंबर, 2021 को भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा नीति आयोग के सहयोग से हरित मोबिलिटी को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2030 तक एक बिलियन कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्रतिबद्धता के चलते राज्यों के परिवहन मंत्रियों की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें मध्य प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी भाग लिया।

प्रमुख बिंदु

  • इस कार्यशाला में मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री ने कहा कि परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने एवं पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये यातायात के साधनों में डीजल एवं पेट्रोल के स्थान पर अधिक-से-अधिक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकल्पों को अपनाया जाएगा। पर्यावरण के संरक्षण के लिये अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के उपयोग एवं निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रभावी कार्ययोजना बनाकर इस योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। 2030 तक वाहनों की कुल बिक्री में कम-से-कम 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य रखा गया है।
  • मध्य प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिये वाहनों के क्रय पर मोटर यान कर एवं पंजीयन शुल्क में छूट दे चुकी है। प्रदेश में विभिन्न वर्गों के 34 हज़ार 500 इलेक्ट्रिक वाहनों पर ‘प्रथम आओ प्रथम पाओ’ के तहत लाइफटाइम टैक्स एक फीसदी की न्यूनतम दर से लिया जा रहा है।
  • इस कार्यशाला में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडे, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल सिंह, नीति आयोग के सचिव अभिताभ कांत, केंद्रीय उद्योग सचिव अभय गोयल सहित सभी राज्यों के परिवहन मंत्री उपस्थित थे।
  • मध्य प्रदेश परिवहन एवं राजस्व मंत्री ने कार्यशाला में बताया कि मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के प्रमुख नगरों में 200 से 300 किमी. के मध्य सावर्जनिक परिवहन के रूप में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन संबंधी योजना बनाने जा रही है। इसके साथ ही ई-वाहन के उपयोग को सुगम बनाने के लिये यात्रा के दौरान भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर जैसे संभागीय स्थानों पर 250 ई-ह्वीकल चार्ज़िग स्टेशन बनाए जाने की योजना है। 
  • ई-वाहन खरीदने के लिये आम जनता को फेम 2 योजना में सब्सिडी प्रदान करना चाहिये ताकि इनकी कीमत पेट्रोल-डीजल से चलित वाहनों की तुलना में अधिक न हो और उनसे प्रतिस्पर्द्धात्मक हो जाए। 
  • ई-वाहनों के चार्ज़िग स्टेशन की उपलब्धता के लिये 25 प्रतिशत पेट्रोल पंपों को चिह्नित कर चार्ज़िग स्टेशन की स्थापना अनिवार्य करना चाहिये। इसके साथ ही ई-वाहन निर्माण के क्षेत्र में रोज़गार की भी प्रबल संभावनाएँ हैं, जिससे प्रदूषण के साथ प्रदेश के युवाओं को रोज़गार भी मिल सकेगा।
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