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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया बिहार के चतुर्थ कृषि रोडमैप का शुभारंभ

  • 19 Oct 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2023 को सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के बापू सभागार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार के चतुर्थ कृषि रोडमैप (2023-28) का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट अनावरण कर शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2008 में राज्य के पहले कृषि रोडमैप की शुरुआत की गई थी। दूसरे कृषि रोडमैप का शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा तथा तीसरे कृषि रोड का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया।
  • बिहार में कृषि रोडमैप से किसानों को काफी फायदा हुआ है। धान, मक्का, गेहूँ और आलू का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ी है। वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक पहले कृषि रोडमैप के तहत कार्य किये गए। वर्ष 2011-12 में नालंदा के एक किसान ने प्रति हेक्टेयर धान का सबसे ज़्यादा उत्पादन कर चीन को पीछे छोड़ दिया। इससे पहले प्रति हेक्टेयर का रिकॉर्ड चीन के नाम था। आलू के उत्पादन में भी नालंदा ज़िले के एक गाँव ने विश्व कीर्तिमान बनाया।
  • वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक दूसरे कृषि रोडमैप के तहत कार्य किये गए, जिसके फलस्वरूप फल, सब्जी, दूध, अंडा एवं मछली का उत्पादन काफी बढ़ा है। उत्पादकता बढ़ने से किसानों को काफी फायदा हुआ है।
  • वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक तीसरे कृषि रोडमैप के अंतर्गत कार्य तय किये गए थे, लेकिन इसका कार्यकाल एक साल के लिये बढ़ाकर वर्ष 2023 तक कर दिया गया। बचे हुए कार्य एवं आगे के कार्य और विस्तार को लेकर चतुर्थ कृषि रोडमैप की शुरुआत की गई है। इसके तहत तेज़ी से कार्य होंगे, ताकि किसानों को और फायदा हो सके।
  • बिहार में मछली का उत्पादन ढाई गुना बढ़ा है। अब बिहार मछली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है। चावल, गेहूँ और मक्का के उत्पादन को लेकर बिहार को कृषि कर्मण पुरस्कार मिले हैं। आलू, गोभी, बैंगन और टमाटर का उत्पादन भी काफी बढ़ा है। बिहार में मखाना का भी उत्पादन काफी बढ़ा है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि चतुर्थ कृषि रोडमैप में कृषि के साथ-साथ पशुओं की उचित देखभाल के लिये भी व्यवस्था की गई है। प्रत्येक 8 से 10 पंचायत पर पशु अस्पताल खोला जा रहा है, ताकि पशुओं की उचित देखभाल और इलाज हो सके। उत्तर बिहार का एक बड़ा हिस्सा चौर क्षेत्र है। वहाँ वर्ष में 9 महीना पानी लगा रहता है। 9 लाख हेक्टेयर भूमि चौर क्षेत्र है। कृषि रोडमैप के तहत ऐसे 6 ज़िलों के लिये योजना की शुरुआत की गई है।
  • चतुर्थ कृषि रोडमैप के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये मंत्रिमंडल ने 1 लाख 62 हज़ार करोड़ रुपए की स्वीकृति दी। राज्य में 75 प्रतिशत लोगों की आजीविका का आधार कृषि है। चतुर्थ कृषि रोडमैप में सभी बातों का ध्यान रखा गया है और इसे बहुत व्यापक बनाया गया है। इससे न सिर्फ उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इससे राज्य को भी फायदा होगा।

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