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झारखंड

प्रतिबिंब ऐप

  • 10 Sep 2025
  • 15 min read

चर्चा में क्यों?

झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता की पहल पर विकसित झारखंड पुलिस का प्रतिबिंब ऐप देश में साइबर अपराधियों से निपटने के लिये देश में एक सशक्त साधन बन गया है।

  • हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आयोजित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान झारखंड सहित सभी IPS अधिकारियों को साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु प्रतिबिंब ऐप के प्रयोग का प्रशिक्षण दिया गया।

मुख्य बिंदु

  • ऐप के बारे में: 
    • प्रतिबिंब ऐप एक विशेष GIS-आधारित सॉफ्टवेयर उपकरण है, जिसे अपराध अन्वेषण विभाग (CID) ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और गृह मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया है।
    • इसका उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को साइबर अपराधियों का पता लगाने, उनका मानचित्रण करने तथा धोखाधड़ी और अन्य डिजिटल अपराधों में संलिप्त अपराधियों को गिरफ्तार करने में सहायता करना है।
      • इस ऐप को नवंबर 2023 में झारखंड के राँची में संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीमों (JCCT)-II की पहली क्षेत्रीय बैठक के दौरान लॉन्च किया गया।
    • यह "समन्वय" प्लेटफॉर्म के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच डेटा साझाकरण और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करता है।
  • विशेषताएँ:
    • वास्तविक समय आपराधिक मानचित्रण: प्रतिबिंब साइबर अपराधों से जुड़े मोबाइल नंबरों को GIS मानचित्र पर प्रदर्शित करता है, जिससे झारखंड और भारत में उनके भौगोलिक स्थानों का पता चलता है।
    • डाटाबेस एकीकरण: यह अपराधियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले सिम कार्ड, मोबाइल फोन और धोखाधड़ी वाले खातों के डेटा को संकलित तथा विश्लेषण करता है, जिससे पुलिस को अपराधियों का शीघ्र पता लगाने में सहायता मिलती है।
    • हेल्पलाइन एकीकरण: यह ऐप राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) से एकीकृत है, जिससे जनता को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में मदद मिलती है और अधिकारियों को शीघ्रता से प्रतिक्रिया देने में सहायता मिलती है।
    • शैक्षणिक सहयोग: झारखंड पुलिस ने उन्नत प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और ज्ञान समर्थन के लिये प्रमुख संस्थानों (IIM राँची, BIT-मेसरा, XLRI जमशेदपुर, NIT जमशेदपुर) के साथ साझेदारी की है।

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