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झारखंड

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) योजना

  • 20 Oct 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी आँकड़ों के अनुसार झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण, आवास प्लस) के क्रियान्वयन में आदिवासी ज़िला सिमडेगा 93.25 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के साथ प्रथम स्थान पर है, वहीं 91.99 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के साथ राँची ज़िला दूसरे स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • आँकड़ों के अनुसार राँची ज़िले को 2021-22 के लिये 17,958 घरों का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य के विरुद्ध 16,520 हितग्राहियों को आवास योजना के लिये स्वीकृत किया गया है।
  • राँची में खलारी प्रखंड पहला ऐसा प्रखंड बन गया है, जिसने पाँच माह पहले लक्ष्य पूरा कर लिया है। खलारी प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये 105 हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को दिया जाता है, जिसके पास खुद का पक्का घर नहीं है। उन्हें घर बनाने या कच्चे घर की मरम्मत के लिये आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 1.30 लाख रुपए और शहरी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। 
  • पीएमएवाई (ग्रामीण) का उद्देश्य सभी बेघर गृहस्थों और कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण घर में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पक्का घर उपलब्ध कराना है। 
  • स्वच्छ खाना पकाने की जगह के साथ घर का न्यूनतम आकार 20 वर्गमीटर से बढ़ाकर 25 वर्गमीटर कर दिया गया है। इसी तरह मैदानी इलाकों में यूनिट सहायता 70,000 रुपए से 1.20 लाख रुपए और पहाड़ी राज्यों व दुर्गम इलाकों में 75,000 रुपए से 1.30 लाख रुपए तक बढ़ा दी गई है।
  • यूनिट सहायता की लागत को केंद्र और राज्य सरकार के बीच मैदानी क्षेत्रों में 60:40 के अनुपात में और पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्यों के लिये 90:10 के अनुपात में साझा किया जाना है।
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