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हरियाणा

संस्कृत साहित्यकारों की सम्मान राशि में बढ़ोत्तरी

  • 19 Jan 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2023 को हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा संस्कृत विद्वानों और साहित्यकारों के लिये बढ़ाई गई सम्मान राशि पर वित्त विभाग ने स्वीकृति दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • इसके अलावा सम्मान की नियमावली में भी फेरबदल किया गया है। सर्वोच्च सम्मान संस्कृत साहित्यालंकार और हरियाणा गौरव के लिये अब आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। छात्रवृत्ति, अनुदान और वित्तीय सहायता योजना की राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है।
  • संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ.दिनेश शास्त्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अकादमी द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संवर्द्धन हेतु विभिन्न योजनाएँ क्रियान्वित की जाती हैं।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने फरवरी 2022 में आयोजित राज्य स्तरीय साहित्य पर्व के समय सम्मान राशि में वृद्धि करने की घोषणा की थी। इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। इसे मुख्यमंत्री द्वारा तीन माह पूर्व अनुमोदित कर दिया गया था। इसी कड़ी में प्रदेश के वित्त विभाग ने भी पुरस्कार की राशि वृद्धि पर स्वीकृति की मोहर लगा दी है।
  • इससे इस बार से आवेदन करने वाले साहित्यकारों को इसका लाभ मिलेगा। इसके तहत सम्मान राशि में दो गुना से लेकर साढ़े 3 गुना की बढ़ोतरी की गई है।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान ‘संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान’ में पहले 2 लाख रुपए की राशि मिलती थी, इसे अब सीधा साढ़े तीन गुना बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है। इसी तरह ‘हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान’की पुरस्कार राशि दो लाख से सीधे ढाई गुना बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है।
  • इसी तरह महर्षि वाल्मीकि और महर्षि वेदव्यास सम्मान की राशि डेढ़ लाख से ढाई गुना बढ़ाकर तीन लाख कर दी गई है। महर्षि विश्वामित्र सम्मान में डेढ़ लाख की जगह ढाई लाख , आचार्य स्थाणु दत्त सम्मान में अब डेढ़ लाख की जगह दो लाख रुपए मिलेंगे।
  • इसी क्रम में महाकवि बाणभट्ट सम्मान में एक लाख की जगह ढाई लाख रुपए मिलेंगे। साहित्यकार सम्मान राशि पहले 11 लाख थी जो अब बढ़कर 25 लाख हो गई है।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि आचार्य सम्मान में भी पुरस्कार राशि 4 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी गई है। इसके तहत अब गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तंड पं.सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, पं.युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान में अब एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपए प्रदान किये जाएंगे। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान को भी एक लाख से दो लाख रुपए कर दिया गया है।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संस्कृत की नवलेखन प्रतिभाओं के लिये पुस्तक पुरस्कार राशि को भी 31 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 51 हज़ार रुपए कर दिया है। इससे साहित्य लेखन में प्रतिभाएँ और उत्साहपूर्वक कार्य करेंगी।
  • पांडुलिपि प्रकाशनार्थ सहायता अनुदान में मानदेय राशि 10 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 21 हज़ार रुपए कर दी गई है। लघु संस्कृत कथा लेखन, नाटक लेखन प्रतियोगिता में प्रथम को अब 10 हज़ार, द्वितीय को 8 हज़ार तथा तृतीय को 5 हज़ार रुपए का पुरस्कार मिलेगा।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को भी सरकार ने विशेष तोहफा दिया है। इसके तहत प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, विशारद, प्राक् शास्त्री और शास्त्री कक्षा में अध्ययन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति राशि अब तीन हज़ार की जगह 8 हज़ार रुपए मिलेगी।
  • इसी तरह आचार्य कक्षाओं के छात्रों को 10 हज़ार रुपए मिला करेंगे। डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि अभावग्रस्त संस्कृत लेखकों को चिकित्सा खर्च में एक वर्ष में तीन हज़ार की जगह 50 हज़ार की सहायता मिल सकेगी। इसी तरह लेखक को वित्त वर्ष में मिलने वाली वित्तीय अनुदान राशि को भी बढ़ाकर 6 हज़ार से सीधे 21 हज़ार रुपए कर दिया गया है।
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