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हरियाणा सरकार ने पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 में किया संशोधन

  • 08 Apr 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के उप-नियम (2क) में संशोधन का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके अंतर्गत गौशाला, बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने वाली इच्छुक सामाजिक सोसायटी या धार्मिक संस्थाएँ तथा चारे को उगाने के लिये अब शामिलात भूमि को 20 वर्ष तक की अवधि के लिये पट्टे पर ले सकेंगी।
  • इसके लिये गौशालाओं में पट्टा-धारक को कुल पशु जनसंख्या का कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशुओं को पटेा अवधि के दौरान गौशाला में रखना होगा।
  • इन नियमों को ‘पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) हरियाणा संशोधन नियम, 2023’ कहा जाएगा।
  • उक्त संशोधन के बाद, अब ग्राम पंचायत को अपनी भूमि आवंटन के माध्यम से 20 वर्ष तक की अवधि के लिये कम से कम प्रति वर्ष 5100 रुपये प्रति एकड़ की दर से पट्टे पर देने की अनुमति होगी।
  • धार्मिक संगठन को समाज के लिये परोपकारी योगदान के इतिहास के साथ उनके पूर्वजों को सत्यापित किया गया है जिसे ज़िला स्तरीय समिति और हरियाणा गौ-सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित किया जाएगा।
  • शामलात देह में किसी भी भूमि को गौशाला निर्माण के उपरांत प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) के लिये 0.75 एकड़ के अनुपात में गौशाला की स्थापना हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी।
  • शामलात देह में किसी भी भूमि को बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र आदि जैसे सहायक उद्देश्यों के लिये 1500 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) वाली गौशाला को 2 एकड़ भूमि पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी।
  • गौशाला निर्माण के बाद गौचरण के लिये चिन्हित भूमि में से 1.5 एकड़ भूमि प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) के लिये चारे की खेती हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी।
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