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हरियाणा

हरियाणा ने जलवायु परिवर्तन पर संशोधित राज्य कार्ययोजना (एसएपीसीसी-2) को दी मंज़ूरी

  • 13 Dec 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में संपन्न हुई जलवायु परिवर्तन पर हरियाणा राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में जलवायु परिवर्तन पर संशोधित राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी- 2) को मंज़ूरी प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्य सचिव ने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर संशोधित राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी चरण-2) 2021-30 स्वीकृत संशोधित योजना के अनुसार, 73 कार्य प्रस्तावित किये गए हैं, जिनमें से 37 अनुकूलन से जुड़े हैं। 28 मिटिगेशन से और 8 रणनीतियाँ अनुकूलन और मिटिगेशन दोनों से संबंधित हैं।
  • 10 वर्षों (2021-30) में इन गतिविधियों के लिये कुल प्रस्तावित बजट 39,371.80 करोड़ रुपए है। अंतिम अनुमोदन के लिये इस कार्य योजना को राष्ट्रीय स्तर की स्टीयरिंग कमेटी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को प्रस्तुत किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि संशोधित योजना का उद्देश्य 8 राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों पर विचार करते हुए लक्ष्यों को संरेखित और पुनःपरिभाषित करना है।
  • इन 8 एनडीसी में सतत् जीवन शैली, स्वच्छ आर्थिक विकास, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उत्सर्जन तीव्रता को कम करना, गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली की हिस्सेदारी बढ़ाना, कार्बन सिंक (वन) अनुकूलन को बढ़ाना, वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व क्षमता निर्माण करना शामिल हैं।
  • बैठक में मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों को 2030 तक वर्केबल मिटिगेशन और अनुकूलन एक्शन एवं रणनीति के लिये योजनाओं, रणनीतियों और कार्यों को अपडेट करने के निर्देश दिये।इसके अलावा, एसएपीसीसी की निगरानी और मूल्यांकन के लिये राज्य सलाहकार समूह की द्विमासिक बैठक भी आयोजित करने के निर्देश दिये। 
  • बैठक में बताया गया कि संशोधित एसएपीसीसी चरण-2 में अनुकूलन और मिटिगेशन श्रेणी के तहत 8 विभिन्न सेक्टरों को अलग-अलग कार्य समूहों में जोड़ा गया है। अनुकूलन श्रेणी के तहत इन पाँच कार्य समूहों में सतत् कृषि, जल संसाधन, वन एवं पर्यावरण सहित जैव विविधता, रणनीतिक ज्ञान और कौशल विकास तथा पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र शामिल हैं। मिटिगेशन श्रेणी के लिये तीन कार्य समूहों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना, सौर मिशन, सतत् आवास और उद्योग शामिल हैं। 
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