इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद का गठन

  • 03 Mar 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

01 मार्च, 2023 को जनसंपर्क विभाग, भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य प्रबंधन योजना के व्यवस्थित और समयबद्ध कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी हितधारकों के सदस्यों के साथ बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद (जीपीएलसी) का गठन किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिये परिवर्तनकारी केन-बेतवा लिंक परियोजना (केबीएलपी) के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) और आसपास के क्षेत्रों में वन्य जीवन और जैव विविधता के संरक्षण के लिये एक व्यापक एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना (आईएलएमपी) तैयार की गई है।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत पर्यावरण प्रबंधन योजना और एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन के लिये पर्याप्त वित्तीय प्रावधान निर्धारित किये गए हैं। यह मॉडल ‘विकास भी, पर्यावरण भी’के मोटो के साथ भविष्य के विकास के लिये एक खाका होगा।
  • जीपीएल और परिषद का लक्ष्य एक संतुलित दृष्टिकोण के आधार पर विकास प्रक्रिया के साथ एकीकरण के माध्यम से संरक्षण के लिये ‘लाभकारी’स्थिति सुनिश्चित करना है और विविध हिस्सेदारी पर विचार करना है।
  • इसका व्यापक उद्देश्य प्रमुख प्रजातियों जैसे बाघ, गिद्ध और घड़ियाल के लिये आवास, संरक्षण और प्रबंधन की बेहतरी को सक्षम करना है; स्थानिक प्राथमिकता और वन पर निर्भर समुदायों की भलाई के माध्यम से समग्र जैव विविधता संरक्षण के लिये परिदृश्य को मजबूत करना; और फीडबैक लूप और अनुकूली प्रबंधन विकल्पों के संदर्भ में एकीकृत भूदृश्य प्रबंधन के तहत प्रजाति-विशिष्ट और स्थल-विशिष्ट निगरानी रणनीतियाँ प्रदान करना।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना (केबीएलपी), कार्यान्वयन के लिये ली गई राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत नदियों को जोड़ने वाली पहली परियोजना है, जो बार-बार सूखे की स्थिति का सामना करने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिये एक परिवर्तनकारी कदम साबित होगी।
  • परियोजना का उद्देश्य न केवल बुंदेलखंड में जल सुरक्षा प्रदान करना है बल्कि क्षेत्र के समग्र संरक्षण और विशेष रूप से बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसे परिदृश्य पर निर्भर प्रजातियों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
  • अनुमोदित पर्यावरण प्रबंधन योजना के अनुसार उपाय करने के अलावा, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने न केवल पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी वन्यजीव और जैव विविधता के संरक्षण के लिये एक व्यापक एकीकृत परिदृश्य प्रबंधन योजना (आईएलएमपी) तैयार की है।
  • बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य (जीपीएल) में एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना भारत के संरक्षण इतिहास में शुरू किये जा रहे प्रमुख और अद्वितीय संरक्षण उपायों में से एक है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow