राजस्थान
जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा मानने पर विवाद
- 06 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की पाठ्यपुस्तक में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा दर्शाए जाने के दावे के बाद एक ऐतिहासिक विवाद उत्पन्न हो गया है।
मुख्य बिंदु
जैसलमेर और मराठा संबंधों पर इतिहासकारों के मत
- राजपूतों के तर्क:
- जैसलमेर के 44वें महारावल, चैतन्य राज सिंह के नेतृत्व में शाही परिवार ने इस चित्रण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे एक गंभीर ऐतिहासिक त्रुटि करार दिया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जैसलमेर पर मराठों के प्रभाव का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। यह क्षेत्र मुगलों एवं अंग्रेज़ों सहित विभिन्न आक्रांताओं के दौर में भी स्वतंत्र बना रहा।
- ऐतिहासिक विवरणों से स्पष्ट होता है कि क्षेत्र के राजपूत शासकों ने अपनी सत्ता एवं संप्रभुता की रक्षा की तथा जैसलमेर में न तो मराठा हस्तक्षेप हुआ और न ही कोई कराधान (taxation) लागू किया गया।
- मराठों के तर्क:
- मराठा इतिहासकार वर्ष 1752 के अहदनामा (जिसे मुगल सम्राट अहमद शाह बहादुर और मराठा सेनानायक मल्हारराव होल्कर तथा माधवराव शिंदे के बीच किया गया समझौता माना जाता है) का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि यद्यपि मराठों का जैसलमेर पर दिन-प्रतिदिन का प्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था, तथापि जैसलमेर सहित राजपूत राज्यों से चौथ और सरदेशमुखी कर वसूले जाते थे।
- पुणे के इतिहासकार पांडुरंग बलकवाडे ने पेशवा प्रशासन के अभिलेखों का हवाला दिया है, जिनके अनुसार अजमेर (मेवाड़) क्षेत्र से नियमित रूप से चौथ वसूली का उल्लेख मिलता है।
- जैसलमेर
- स्थान एवं महत्त्व: जैसलमेर, जिसे अक्सर "स्वर्ण नगरी" कहा जाता है, पश्चिमी राजस्थान में पाकिस्तान सीमा और थार रेगिस्तान के निकट स्थित है।
- इसका प्रमुख स्थल जैसलमेर किला है, जिसे सोनार किला (स्वर्ण किला) भी कहा जाता है, जो एक जीवित किला होने के कारण अद्वितीय है।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: जैसलमेर की स्थापना वर्ष 1156 में यदुवंशी वंश के वंशज रावल जैसल ने की थी। लोदुर्वा की गद्दी से वंचित होने के बाद, जैसल ने ऋषि ईसुल (स्थानीय साधु) की भविष्यवाणी के अनुसार एक नई राजधानी की तलाश की।
- सांस्कृतिक विरासत: जैसलमेर की सांस्कृतिक और स्थापत्य सुंदरता इसकी राजपूत विरासत से प्रभावित है, जिसमें भाटी राजपूतों का भी प्रभाव है।
- भूवैज्ञानिक महत्त्व: जैसलमेर में वुड फॉसिल पार्क (आकल) में थार रेगिस्तान के जीवाश्मों को प्रदर्शित किया गया है, जो 180 मिलियन वर्ष पुराने भूवैज्ञानिक इतिहास की झलक दिखाते हैं।
- स्वतंत्रता के बाद: जैसलमेर राज्य ने 7 अप्रैल 1949 को भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये और भारतीय संघ में विलय हो गया।
मराठा
- उद्गम एवं भाषा:
- मराठा, जिनकी भाषा मराठी है, दक्कन के पठार के मूल निवासी हैं, जो मुख्यतः वर्तमान महाराष्ट्र में स्थित हैं।
- शिवाजी महाराज और मराठा शक्ति का उदय:
- वर्ष 1630 में जन्मे शिवाजी, भोंसले वंश से संबंधित थे और उन्होंने स्वराज्य (सत्ता/संप्रभुता) स्थापित करने का लक्ष्य रखा।
- मात्र 16 वर्ष की आयु में उन्होंने पुणे क्षेत्र के किलों पर नियंत्रण प्राप्त करना प्रारंभ किया और अपना प्रभाव बढ़ाया।
- उन्होंने बीजापुर सल्तनत के विरुद्ध गुरिल्ला युद्ध रणनीति अपनाई और अफज़ल खान जैसे सेनापतियों को पराजित किया।
- शिवाजी की मृत्यु के बाद, संभाजी (शिवाजी के पुत्र) छत्रपति बने। उन्हें औरंगजेब ने बंदी बनाकर मृत्युदंड दे दिया।
- मराठा संगठनात्मक परिवर्तन:
- शिवाजी की मृत्यु के पश्चात मराठा सत्ता विकेंद्रीकृत हो गई और पेशवा का प्रभाव बढ़ गया।
- मराठों ने पूरे भारत में विस्तार किया और कुछ समय के लिये लाहौर, अटक तथा पेशावर के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण किया।